
कबीरधाम। विश्वप्रसिद्ध भोरमदेव मंदिर में स्थापित भगवान भोलेनाथ को नव स्वरूप दिया गया है। शिवलिंग में 24 किलो चांदी की चमकीली परत चढ़ाई गई हैं।
11वीं शताब्दी में निर्मित बताया जाता है मंदिर –
बता दें कि भोरमदेव को छत्तीसगढ़ का खजुराहो कहा जाता है। यह मंदिर 11वीं शताब्दी में निर्मित बताया जाता है। अति प्राचीन होने के कारण शिवलिंग का क्षरण होने लगा था, जिसे बचाने के लिए 24 किलो चांदी की चमकीली परत पूरे शिवलिंग के साथ ही जलहरी पर भी चढ़ाई गई है। जिसे तीन महीने के कड़ी मश्क्कत के बाद तैयार किया गया जिसमें 19 लाख कीमत चांदी व 2.51 लाख कारीगर ने बनाने का लिया।
यह लोग रहें मौजूद –
मिली जानकारी के अनुसार, इसका पूरा काम जयपुर में कराया गया है। वही, यह चांदी का परत कवर्धा कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा, विधायक ममता चंद्राकर, नगर पालिका अध्यक्ष ऋषि शर्मा और मन्दिर के पुजारी आशीष पाठक ने विधिवत पूजा अर्चना कर शिवलिंग को स्थापित किया।
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