
कबीरधाम। जिला पचायत सदस्य व भाजपा नेता विजय शर्मा व कैलाश चंद्रवंशी के पास सरेंडर आखरी विकल्प बचा है। क्योंकि 8 फरवरी को सुनवाई करने के बाद हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। इसके साथ ही 90 दिनों का पैरोल भी मंगलवार को खत्म हो चुका है।
दरअसल, इन दोनों नेताओं के खिलाफ सिटी कोतवाली थाना में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निरोधक (एक्ट्रोसिटी) के तहत मामला दर्ज हैं। बीते वर्ष सिंतबर में जिला खाद्य अधिकारी अरुण मेश्राम ने थाना में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके कार्यालय में आकर इन दोनों नेताओं ने बदतमीजी की। पुलिस ने जांच के बाद दोनों के खिलाफ अक्टूबर माह में एक्ट्रोसिटी का मामला दर्ज किया था। इसके बाद 11 नवंबर को इन दोनों नेताओं को कोरोना नियम के कारण 90 दिन के लिए जिला कोर्ट से जमानत मिल गई। अब 90 दिनों की मियाद आठ फरवरी को पूरी हो गई है। इसी बीच दोनो नेताओं ने हाईकोर्ट में बेल के लिए आवेदन लगाया था, लेकिन अब जमानत आवेदन को भी सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। इस कारण इन दोनों नेताओं के पास सरेंडर की आखिरी विकल्प बचा है।
मामले में चालान पेश कर चुकी है पुलिस
कोतवाली पुिलस ने इस प्रकरण में सात जनवरी को ही चालान पेश कर चुकी है। वर्तमान में यह मामला जिला कोर्ट में चल रहा है। विजय शर्मा व कैलाश चंद्रवंशी कवर्धा शहर में हुए अक्टूबर माह में दंगा के आरोपित भी हैं। पूर्व में ये दोनों कोर्ट में बलवा के मामले में सरेंडर किया था। इसी बीच पुलिस ने खाद्य अधिकारी अरुण मेश्राम द्वारा सितंबर में दिए शिकायत आवेदन पत्र की जांच के आधार पर अक्टूबर में एफआइआर दर्ज की थी। एफआईआर दर्ज किए जाने के दौरान दोनों आरोपित दंगा मामले में जेल में ही थे। इसी बीच एक्ट्रोसिटी मामला भी दर्ज किया गया। हालांकि बलवा मामले में दोनों को बेल मिल चुकी है। एक्ट्रोसिटी मामले में जिला कोर्ट बेल याचिका खारिज कर चुकी है।
यह है मामला –
21 सितंबर को विजय शर्मा व कैलाश चंद्रवंशी समेत अन्य लोग राशन कार्ड की समस्या को लेकर ग्रामीणों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे हुए थे। इस दौरान उन्होंने गाली-गलौज व धमकी देकर शासकीय कार्य में बाधा डाली, ऐसी रिपोर्ट दर्ज की गई है। खाद्य विभाग के अधिकारी अरुण मेश्राम ने मामले की शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद कोतवाली पुलिस ने 23 अक्टूबर को विजय शर्मा, कैलाश चंद्रवंशी समेत अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इस मामले को लेकर सितंबर में ही विजय शर्मा ने अपने फेसबुक पर कार्यालय के भीतर का वीडियो पोस्ट किया था। ये वीडियो भी पुलिस ने जांच में लिया है। सिंतबर में यह वीडियो इंटरनेट मीडिया में वायरल भी हुआ था।