
रायपुर। शैक्षणिक संस्थाओं में 58 प्रतिशत आरक्षण के आधार पर प्रवेश देने के कैबिनेट के निर्णय के बाद आरक्षण मसले पर फिर राजनीति शुरू हो गई है। भाजपा-कांग्रेस दोनों दल एक-दूसरे को घेर रहे हैं। कैबिनेट के निर्णय को भाजपा विपक्ष के दबाव व विरोध का परिणाम बता रही है। जबकि कांग्रेस ने एक बार फिर राजभवन में अटके 76 प्रतिशत आरक्षण को लेकर भाजपा पर षड्यंत्र करने का आरोप लगाया है।
विपक्ष के कारण झुकी भूपेश सरकार: नेताम
पूर्व राज्यसभा सदस्य व भाजपा के कद्दावर आदिवासी नेता रामविचार नेताम ने कहा है की आदिवासी आरक्षण पर ढुलमुल नीति से बाज आते हुए भूपेश सरकार आख़िरकार हम सभी के विरोध के कारण मंत्रिपरिषद में यह निर्णय लेने को विवश हुई है। अब राज्य में मेडिकल कालेtजों में एमबीबीएस की कुल 973 सीटों में से अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों को 32 प्रतिशत के हिसाब से पूरे 300 सीट प्राप्त होंगे। इसी तरह अन्य संस्थानों में भी प्रवेश मिल पाएगा। नेताम ने कहा कि भाजपा आदिवासियों के साथ किसी भी प्रकार की धोखेबाजी बर्दाश्त नहीं करेगी।
भाजपा के षड्यंत्र से अटका 76 प्रतिशत आरक्षण: बैज
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व सांसद दीपक बैज ने कहा कि कांग्रेस सरकार तो राज्य के आरक्षित वर्ग के लोगों को 76 प्रतिशत आरक्षण देना चाहती है। इसके लिए भूपेश सरकार ने विधानसभा से आरक्षण संशोधन विधेयक पारित करवा कर राजभवन भेजा है मगर भाजपा के षड्यंत्रों के कारण आरक्षित वर्गों को अधिकार पिछले आठ माह से राजभवन में लंबित है। राजभवन से हस्ताक्षर नहीं होने के कारण प्रदेश में 76 प्रतिशत आरक्षण लागू नहीं हो पा रहा है।