रायपुर। कोरिया में बाध ने गाय पर हमला कर उसे मार डाला. उसके बाद बाघ उस गाय को खा रहा था. उसी समय उसका मालिक बाघ के सामने आ गया. बाघ ने गाय के मालिक को देख उस पर हमला किया, लेकिन वो किसी तरह जान बचाकर भागा. इसके बाद बाघ के हमले की सूचना पर कोरिया वनमंडल के परिक्षेत्राधिकारी, सहायक परिक्षेत्राधिकारी मौके पर पहुंचे और घायल को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सोनहत में भर्ती कराया गया. वहीं अब विभाग बाघ की तलाश करने में जुटा है.
इस संबंध में कोरिया वन मंडल के एसडीओ अखिलेष मिश्रा का कहना है कि ग्रामीण के अनुसार, बाघ ने उस पर हमला किया है. अब स्टाफ उस बाघ की तलाश में लगा हुआ है. बाघ के पैरों के निशान और अन्य जानकारी एकत्रित की जा रही है. क्षेत्र गुरू घासीदास नेशनल पार्क से लगा हुआ है, जहां बाघों की आवाजाही रहती है. दरअसल, ये पूरी घटना 27 अक्टूबर दोपहर 4:30 बजे की है. कोरिया वन मंडल के देवगढ रेंज में उत्तर कचोहर के कम्पार्टमेंट आरएफ 329 में ग्राम कचोहर के सनेष लाल अपने मवेषियों को चराकर लौट रहा था.
बाघ ने खाई गाय
इसी दौरान उसे उसकी एक गाय नजर नहीं आई तो वो उसे ढूढंने अपने साथी के साथ जंगल की ओर गया. जंगल में उसने देखा कि बाघ उसकी गाय को आधे से ज्यादा खा चुका है. इसके बाद उसे देख बाघ ने उस पर भी हमला कर दिया. सनेष लाल के दाएं हाथ में बाघ का पंजा घुस गया. इसके बाद वो और उसका साथी दोनों किसी तरह जान बचाकर भागे. फिर घटना की सूचना स्थानीय बीट गार्ड को हुई उसने फौरन अधिकारियों को बताया. इसके बाद घायल को सोनहत स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लाया गया, जहां उसका इलाज जारी है.
पार्क से लगा हुआ है क्षेत्र
वहीं विभाग ने जंगली जानवर के हमले में घायल होने पर उसे सहायता राषि भी प्रदान की. बता दें एनटीसीए से गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व बनाने अनुमति मिल चुकी है. छत्तीसगढ़ सरकार के नोटिफिकेशन के बाद ये टाइगर रिजर्व अस्तित्व में आएगा. ये भारत का 53वां टाइगर रिजर्व कहलाएगा. घटना क्षेत्र कोरिया जिले में स्थित इसी गुरू घासीदास नेशनल पार्क से लगा हुआ है. उद्यान में लगभग छह से ज्यादा बाघ हैं. पार्क से लगा संजय गांधी नेशनल पार्क भी है. यहीं से गुरू घासीदास नेशनल पार्क में बाघों की आवाजाही लगी रहती है.
1440.57 वर्ग किलोमीटर में फैला पार्क
उद्यान का एरिया 1440.57 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जिसमें बाघ, तेंदुआ, नीलगाय सहित 32 प्रकार के वन्यजीव प्राणी विचरण करते हैं. कोरिया के गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और सरगुजा के तमोर पिंगला अभयारण्य को मिलाकर टाइगर रिजर्व बनाया गया है. टाइगर रिजर्व के कोर जोन में 2 हजार 49 वर्ग किलोमीटर और बफर जोन में 780 वर्ग किलोमीटर का जंगल है. वहीं 2 हजार 829 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल टाइगर रिजर्व का हिस्सा होगा. गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ फॉरेस्ट की ओर से वर्ष 2019 में गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला अभयारण्य को टाइगर रिजर्व बनाने का प्रस्ताव पारित हुआ था.