रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपना मोबाइल फोन हैक होने की आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि मेरा मोबाइल पिछले आठ घंटों से बंद है। चार्ज होने के बाद भी चालू नहीं हुआ है। कुछ तो गड़बड़ है। मोबाइल जांच के लिए भेजना पड़ेगा। मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में खलबली मची हुई है।
दो दिन पहले कांग्रेस के राहुल गांधी, टीएस सिंहदेव सहित कई विपक्षी नेताओं के फोन में थ्रेट अलर्ट आया था, जिसमें ‘राज्य-प्रायोजित’ निगरानी की बात लिखी गई थी। इस मामले में टीएस सिंहदेव ने इंटरनेट मीडिया एक्स पर ट्वीट करते हुए शायराना अंदाजा में अपनी बात कही थी। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा था कि इसमें किसी भी प्रकार की राजनीतिक संलिप्तता है, तो यह भारत के लोकतंत्र और व्यक्ति की निजता का हनन है।
राहुल ने कहा था जासूसी से डरते नहीं –
थ्रेट अलर्ट मामले में बीते दिनों नई दिल्ली में पत्रकारवार्ता के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि वे जासूसी से नहीं डरते। सरकार चाहे तो फोन ले सकती है। आप जितनी चाहे उतनी टैपिंग कर सकते हैं। मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा था कि एप्पल की ओर से सुप्रिया, पवन खेड़ा को भी यह संदेश मिला है।
सिंहदेव ने पेगासस जैसी घटना से की तुलना –
उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने एप्पल से प्राप्त ई-मेल की तुलना पेगासस जैसी घटना से करते हुए कहा था कि छत्तीसगढ़ में चुनाव के लिए कुछ ही दिन शेष बचे हैं। इस प्रकार के ई-मेल आना चिंता का विषय है। उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार की जिम्मेदारी सिर्फ सीमाओं की सुरक्षा तक सीमित नहीं बल्कि व्यक्ति की निजता की सुरक्षा भी है।