भारत बैगा के दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के सॉफ्टवेयर इजीनियरिंग में प्रवेश मिलने पर मन्नाबेदी गांव में तिहार का माहौल
कलेक्टर-एसपी ने मन्नाबेदी गांव पहुंचकर उनके माता-पिता को दी बधाई और शुभकामनएं
कवर्धा- छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के भारत लाल बैगा के दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी में सॉफ्टवेयर इजीनियरिंग ब्रांच में दाखिला होने के बाद उनके गांव मन्नाबेदी में तिहार जैसा माहौल बन गया है। गांव में विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के बैगा समुदाय के साथ-साथ अन्य परिवारजनों में भी उत्साह और उमंग है। कलेक्टर श्री अवनीश कुमार शरण, पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उम्मेद सिंह और जिला पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी श्री कुंदन कुमार भी इस उत्साह और उमंग के उत्सव में शामिल हुए। कलेक्टर ने भारत लाल बैगा के इस उपलब्धि के लिए उन्हे पेन-डायरी और पुष्प्पगुच्छ देकर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। कलेक्टर ने भारत बैगा के माता-पिता से भी मिले और उन्हें भी बधाई दी। मन्नाबेदी के भारत लाल बैगा ने अपने काबिलियत और कठिन परिश्रम से राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित संयुक्त परीक्षा इंजीनियरिंग के मुख्य प्रवेश परीक्षा जेईई मैन्स में शानदार सफलता हासिल कर देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी नई दिल्ली में सॉफ्टवेयर इजीनियरिंग में प्रवेश लिया है, यह हम सभी के लिए गर्व और खुशी की बात है। उनकी सफलता की यह गाथा जिले के युवाओं के लिए भी प्रेरणा बन गया है। भारत बैगा जिले ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के पहले युवा बन गए है जो विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के बैगा जनजाति वर्ग से है। कलेक्टर ने भारत बैगा से कहा कि दिल्ली जाकर गांव की मिट्टी और संस्कृति को जरूर याद रखना है। उन्होंने यह भी कहा कि गांव की मिट्टी और संस्कृति हमें सकारात्मक उर्जा प्रदान करती है। सकारात्मक उर्जा गांव, समाज और देश के लिए रचनात्मक काम करने के लिए प्रेरित भी करती है।
बेटे की कामयाबी से झलकी माता-पिता आंखे
हर माता-पिता अपने बेटे की कामयाबी से हारना चाहता है। क्योंकि उनके हार में ही उनकी खुशी छूपी होती है। यह कहना है भारत बैगा के पिता श्री रामचंद बैगा का। अपने बेटे की कामयाबी का किस्सा सुनाते हुए उनके आंखों खुशियों की आंसू छगक गई। उन्हांने कहा कि आज मै अपने बेटे की कामयाबी से हार कर जीत गया हॅू। उन्हांने बताया कि मै अशिक्षित हूं इसलिए शिक्षा की महत्व को जानता हॅू। मैने शिक्षा को ही विकास का मूलमंत्र समझा है। अपने सभी बच्चों को अपने स्तर पर शिक्षा देने और राह दिखाने का प्रयास किया है। उन्होंने जिले के सभी विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के बैगा से आग्रह करते हुए कहा कि वे भी अपने बच्चों का शिक्षा जरूर दे। अपने बच्चों का स्कूल जरूर भेंजे। रामचंद बैगा ने कहा कि मेरा पुत्र जिला मुख्यालय कवर्धा में कक्षा छठवीं से बारहवीं तक की पढ़ाई शासकीय छात्रावास में रहकर सरकारी स्कूल में पढ़ाई किया है। उन्होंने सरकार द्वारा मिली सहायता के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का भी आभार प्रगट किया है।
बच्चों को निःशुल्क कोंचिग देना भारत लाल बैगा का उद्देश्य
राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित संयुक्त परीक्षा इंजीनियरिंग मुख्य प्रवेश परीक्षा जेईई मैन्स में शानदार कामयाबी का पचरम लहराने वाले भारत लाल बैगा का कहना है कि वह कबीरधाम जिले के विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के बैगा समुदाय के बच्चों के लिए निःशुल्क कोचिग संस्थान खोलना उनका उद्देश्य है, ताकि वह इस वर्ग के बच्चे आगे बढ़कर मेंडिकल, इंजीनियरिंग, आईआईटी जैसे क्षेत्रों में अपना मुकाम हासिल कर सके। उन्होंने अपने सपनों का साझा करते हुए कहा कि वह शिक्षा के क्षेत्र में अपने जिले और छत्तीसगढ़ का नाम रौशन करना चाहते है। पिता के बताए रास्ते पर चलकर शिक्षा को ही उन्हांने विकास का मूल मंत्र माना है और उन्हे मूलमंत्र को जिले के सभी युवाओं को देना चाहते है। उन्होंने बताया कि वह आज भी समय निकाल कर गांव के बच्चों को निःशुल्क पढ़ाते है। यह काम आगे भी जारी रहेंगा।
भारत जैसे छोटा भाई सबको मिले
भारत बड़े भाई श्याम लाल बैगा का कहना है कि भारत के जैसे सबकों छोटा भाई मिले। उन्हांने कहा कि भारत का परिवार, समाज और युवाओं के प्रति समर्पण भावना हम सबके लिए प्रेरणा बन गया है। उन्होंने यह भी बताया कि हमारे पिता से हम सभी भाइयों को शिक्षा देने की पूरजोर कोशिक की है। श्याम लाल का कहना है कि वह स्वयं पहला बैगा लड़का था, जब उन्होने कवर्धा के स्वामी करपात्री जी स्कूल में दाखिल लिया था। पर विपरित परिस्थिति के कारण बारहवीं के बाद आगे की पढ़ाई नहीं कर सका।