छत्तीसगढ़ बड़ी खबर : विधानसभा में पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने उठाए जनहित के प्रमुख मुद्दे

रायपुर। विधानसभा सत्र के दौरान पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने सक्रियता के साथ जनहित के मुद्दे उठाए। उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार द्वारा जनसंपर्क विभाग में विज्ञापन हेतु आवंटित राशि में अनियमितता, शासकीय शालाओं में शिक्षकों के रिक्त पदों, आदिवासी भूमि विक्रय और इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी के विषय में सवाल किए।
आदिवासी भूमि विक्रय में अनियमितता का मुद्दा
विधायक भावना बोहरा ने कबीरधाम जिले के अनुसूचित जनजातियों की भूमि बिक्री अनुमति के आवेदनों की जानकारी मांगी। राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा के लिखित उत्तर के अनुसार, वर्ष 2021-25 के बीच कुल 118 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें केवल 16 आवेदनों को अनुमति दी गई। बिना न्यायालय की अनुमति के तहसीलदारों द्वारा किसी भी भूमि बिक्री की अनुमति नहीं दी गई है।
56601 शिक्षकों के पद रिक्त, 5912 स्कूल एकल शिक्षकीय
शिक्षकों की कमी पर विधायक ने सवाल किया कि प्रदेश में कितने शिक्षकों के पद रिक्त हैं और 33 हजार शिक्षकीय पदों पर भर्ती की क्या स्थिति है? मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बताया कि प्रदेश में 56601 शिक्षकों के पद रिक्त हैं, 5912 स्कूल एकल शिक्षकीय और 439 स्कूल शिक्षक विहीन हैं। 33 हजार शिक्षकीय पदों पर भर्ती प्रक्रिया विचाराधीन है।
विज्ञापन बजट में अनियमितता पर जांच की मांग
जनसंपर्क विभाग में विज्ञापन बजट को लेकर विधायक बोहरा ने सवाल किया कि पिछले एक वर्ष में लगभग दोगुनी राशि विज्ञापनों पर खर्च की गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि होर्डिंग्स के लिए अनुबंध तीन महीने का होता है, लेकिन एक माह में ही हटा दिए जाते हैं और पूरे तीन महीने का भुगतान किया जाता है। मंत्री ने आश्वासन दिया कि होर्डिंग्स के भुगतान की जांच की जाएगी।
इलेक्ट्रिक वाहनों की सब्सिडी पर सरकार का जवाब
इलेक्ट्रिक वाहनों की सब्सिडी के संबंध में भावना बोहरा ने पूछा कि कितने लाभान्वितों को सब्सिडी दी गई और कितनी लंबित है? मंत्री ने बताया कि 28,248 लाभान्वित हुए हैं, जबकि लगभग 45 हजार वाहनों का सब्सिडी भुगतान लंबित है। बजट प्रावधान हेतु प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा गया है, पर सब्सिडी भुगतान की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
विधायक की मांग, जनहित के मुद्दों पर हो कार्रवाई
विधायक भावना बोहरा ने कहा कि जनसंपर्क विभाग में सरकारी धन के दुरुपयोग की जांच होनी चाहिए और आदिवासी भूमि विक्रय व शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जानी चाहिए। उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द लंबित सब्सिडी और शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने की मांग की।