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Nepal Protest News: नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ भड़की हिंसा के बाद सरकार ने वापस लिया फैसला, राष्ट्रपति और पीएम ने दिया इस्तीफा

काठमांडू | नेपाल में सोशल मीडिया पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ भड़के विरोध प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया है। भारी जनदबाव के चलते सरकार ने सोमवार (8 सितंबर) को फेसबुक, एक्स (पूर्व ट्विटर), व्हाट्सएप सहित 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगाए गए प्रतिबंध को वापस ले लिया है। यह फैसला तीन दिन पहले लागू किया गया था, जिसके विरोध में देशभर में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला।

हिंसक प्रदर्शन में अब तक 23 की मौत, 300 से अधिक घायल

राजधानी काठमांडू समेत नेपाल के विभिन्न हिस्सों में हिंसक विरोध प्रदर्शन जारी हैं। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़पों में कम से कम 23 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। हिंसा को देखते हुए सेना ने मंत्रियों के आवास खाली कराए, और कई इलाकों में कर्फ्यू जैसी स्थिति बन गई है।

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने दिया इस्तीफा

उग्र होते प्रदर्शनों के बीच नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री झालानाथ खनाल के घर पर प्रदर्शनकारियों ने हमला कर आग लगा दी थी, जिसमें उनकी पत्नी रबिलक्ष्मी पेंटर गंभीर रूप से घायल हो गईं।

संसद भवन, राष्ट्रपति कार्यालय में आगजनी

प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू स्थित संसद भवन, शीतल निवास (राष्ट्रपति भवन) और नेताओं के आवासों को भी निशाना बनाया। कई सरकारी इमारतों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं सामने आई हैं। भैरहवा एयरपोर्ट पर केपी ओली के मौजूद होने की सूचना के बाद युवाओं ने एयरपोर्ट को घेर लिया, जिससे वहां तनाव का माहौल बन गया।

एयरलाइंस और विदेश मंत्रालय की एडवाइजरी

हिंसा के चलते एयर इंडिया और इंडिगो ने काठमांडू आने-जाने वाली सभी उड़ानें रद्द कर दी हैं। वहीं, भारत के विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों को नेपाल यात्रा से बचने की सलाह दी है। जो लोग नेपाल में हैं, उन्हें घर के अंदर रहने और सार्वजनिक स्थानों से दूर रहने की अपील की गई है। भारतीय दूतावास ने आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं: +977–9808602881, +977–9810326134

‘हम बदलाव चाहते हैं, नेता नहीं’

प्रदर्शन में शामिल एक युवक ने कहा, “ये विरोध सिर्फ सोशल मीडिया बैन को लेकर नहीं है, ये उस व्यवस्था के खिलाफ है जो युवाओं को मौका नहीं देती। हमें बदलाव चाहिए, एक युवा नेता चाहिए। संसद में आग हमने इसलिए लगाई क्योंकि अब चुप रहना मुश्किल हो गया है।”

मीडिया संस्थानों पर भी हमला

प्रदर्शनकारियों ने राजधानी काठमांडू और कांतिपुर में कई मीडिया हाउस में भी तोड़फोड़ की। प्रदर्शन के दूसरे दिन माहौल और अधिक तनावपूर्ण हो गया।

 

Ashok Kumar Sahu

Editor, cgnewstime.com

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