धान खरीदी : सोसाइटी कर्मचारियों पर सरकार ने लागू किया ESMA; चेतावनी के बाद अब होगी सख्त कार्रवाई

राज्य सरकार ने धान खरीदी प्रक्रिया को प्रभावित होने से बचाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। 15 नवंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक धान खरीदी में लगे सभी कर्मचारियों पर छत्तीसगढ़ अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विच्छिन्नता निवारण अधिनियम 1979 (ESMA) लागू कर दिया गया है। उप सचिव रामप्रसाद चौहान द्वारा आदेश जारी होने के साथ यह निर्णय तुरंत प्रभाव से लागू हो गया।
ड्यूटी से अनुपस्थित रहने पर होगी कानूनी कार्रवाई
जारी आदेश में सरकार ने स्पष्ट किया है कि धान खरीदी कार्य में नियुक्त कर्मचारी यदि निर्धारित स्थान पर उपस्थित नहीं होते या बताए गए कार्य को पूरा नहीं करते, तो इसे सेवा से इंकार माना जाएगा।
ऐसी स्थिति में उन पर ESMA अधिनियम 1979 के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसका दंड सीधे कर्मचारी की जिम्मेदारी होगी।
क्या है ESMA और कब होती है कार्रवाई?
ESMA अधिनियम के अनुसार—
अत्यावश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मचारी कार्य से इंकार नहीं कर सकते।
हड़ताल या काम रोकने जैसी गतिविधियाँ प्रतिबंधित होती हैं।
आदेश का उल्लंघन करने पर संबंधित व्यक्ति दंडनीय माना जाता है।
धान खरीदी में समय पर उपस्थिति न देना या कार्य में बाधा डालना भी इसी कानून के तहत अपराध माना जाएगा।
17 समिति प्रबंधक बर्खास्त
सरकार ने धान खरीदी प्रक्रिया में बाधा डालने वाले 17 समिति प्रबंधकों को बर्खास्त कर दिया है।
शासन की सख्ती के बाद कई हड़ताली कर्मचारी लौटकर काम पर आने लगे हैं, जिससे धान खरीदी व्यवस्था धीरे-धीरे सामान्य होने लगी है।




