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लेखराम को कुआ से मिला रोजगार, बाड़ी हुआ गुलजार

 

बाड़ी में गोभी, टमाटर, लहसुन, मूली, लाल भाजी, पालक धनीया, प्याज, आलू खेती कर अतिरिक्त आय का जरिया बनाया

कवर्धा-किसी भी शासकीय योजना को तभी सफल कहा जा सकता है, जब लोगो के जीवन में बदलाव आये तथा समाज की मुख्यधारा से जुड़कर आगे बढे। बात हो रही है कबीरधाम जिले के बोड़ला विकासखण्ड के वनांचल गांव बम्हनी में कूप निर्माण के साथ सौर-सूजला से लाभ लेकर जैविक किचन गार्डन बनाने वाले लेखराम चैधरी, पिता टेक सिंह चैधरी की। वह मनरेगा का पंजीकृत श्रमिक भी है।  चैधरी अपने 40 डिसमील की बाड़ी में पेयजल के साथ जैविक खाद के द्वारा किचन गार्डन बनाने कि योजना के बारे में लेखराम सोचते थें लेकिन पानी उपलब्ध नहीं होने के कारण इच्छा पूरी नहीं हो सकी।
ग्राम पंचायत को लेखराम ने अपने जमीन का नक्शा, खसरा देकर कुआं निर्माण कराने की मांग की जो बहुत ही जल्द पूरी हो गई। 2 लाख 10 हजार रूपए की लागत से कूप निर्माण का कार्य स्वीकृत हो गया। इस कार्य में 64 हजार रूपए मजदूरी पर एवं 1 लाख 46 हजार रूपए सामग्री पर व्यय हुआ। लेखराम और उसके परिवार के साथ अन्य ग्रामीणों को 396 मानव दिवस का रोजगार 162 रूपये के दर से मिल गया। लगभग 40 फीट की गहराई वाला कुआं घर के बाड़ी में खोदा गया। कुएं में दो दो फीट की 17 रिंग डाली गई। आज भी 18-20 फीट में पानी उपलब्ध है, जो सिंचाई, निस्तारी के साथ पेयजल के रूप में काम आ रहा है। पंचायत की सक्रियता ने लेखराम को सौर-सूजला योजना से लाभान्वित कर दिया। क्रेडा विभाग के द्वारा 2.5 लाख की लागर से सोलर पैनल लगाया गया जिसमें 2 एचपी का पम्प तथा पूरा पाईप लाईन लगाकर दिया गया है। और सोने पे सुहागा तो यह हुआ कि लेखराम को सिर्फ 10,000 रूपये घर से खर्च करना पड़ा बाकी पूरा पैसा सब्सीडी के रूप में माफ हो गया।
घर मे सुध पेयजल के साथ किचन गार्डन बनाने का सपना अब मुर्त रूप ले चुका है। गोभी, टमाटर, लहसुन, मूली, लाल भाजी, पालक धनीया, प्याज, आलू जैसे सभी प्रकार की सब्जियां, जैविक खाद से परिपूर्ण होकर घर के लिए उपलब्ध हो रहा है। जैविक खाद के लिए घर में 5 बकरी, 3 गाय एवं 7 मुर्गा उपलब्ध है जिनके द्वारा इसकी आपूर्ति हो जाती है।
लेखराम चैधरी स्वंय अपने बारे में बताते है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से बहुत लाभी हुआ है। पानी के अभाव में पहले जमीन बंजर ही पड़ी रहती थी कोई काम नहीं कर पाता था। हमेंशा से जैविक खाद के द्वारा किचन गार्डन बनाने का लक्ष्य इस योजना से पूरा हो रहा है। पूरे दिन भर अपने कुएं से पानी मोटर की सहायता से निकल जाता है। इसके लिए कोई अतिरिक्त बिजली खर्च नहीं देना पड़ता। मौसमी सभी सब्जी मेरे बाड़ी में लगे है। लेखराम आगे बताते है की अब मैं बाजार से कोई भी सब्जी नहीं खरीदता हुं, जिससे मेरे पैसो की बचत हो जाती है। सारी सब्जियां घर मे उपयोग हो रहा है।
रोजगार गारंटी योजना से बम्हनी ग्राम पंचायत में 60 से अधीक किसानों ने इसका फायदा लिया उनमें से एक है लेखराम चैधरी, और उसका परिवार भी है। पहले कुआं नहीं होने के कारण पीने के पानी के साथ बाड़ी हमेशा सुखा रहता था और वह उपायोगहीन था। लेकिन जब से कुआं बनकर सौर-सूजला का पम्प लगा है तो इसके फायदे दिखने लगे हैं। घर में ही पानी सुविधा पूर्वक मिल रहा है साथ मे बड़ी में सिचाई होने से साग-सब्जी से पौष्टीक खाना मिल रहा है और बाजार से खरीदने की नौबत नहीं आती इसके कारण इनके जेब में पैसे भी बच रहें है।

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