एक माह के भीतर जिले के एक सौ आंगनबाड़ी केन्द्र बनेंगे स्मार्ट
बच्चों और महिलाओं से संबंधित योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ दिलाने के निर्देश
डेंगू-मलेरिया से जिले में नहीं हुई किसी की मौत
कलेक्टर ने ली स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभाग की संयुक्त बैठक
कवर्धा – कलेक्टर श्री अवनीश कुमार शरण ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट के सभा कक्ष में स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभाग की संयुक्त बैठक लेकर योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने स्वास्थ्य केन्द्रों और आंगनबाड़ी केन्द्रों के जरिए विभिन्न योजनाओं के तहत बच्चों और महिलाओं को अधिक से अधिक लाभ दिलाने के निर्देश दिए। उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों, गर्भवती एवं शिशुवती महिलाओं का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण, पौष्टिक आहार सहित विभिन्न योजनाओं के तहत मिलने वाली सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने जिले मे संचालित 1571 आंगनबाड़ी केन्द्रों में से एक सौ केन्द्रों को एक माह के भीतर स्मार्ट आंगनबाड़ी केन्द्र बनाने के निर्देश दिए। इसके लिए निर्धारित सभी मापदण्डां को ग्राम पंचायत के सरपंच एवं सचिव के सहयोग से पूरा कराने को कहा। स्मार्ट आंगनबाड़ी केन्द्र के लिए स्वयं का भवन, शौचालय, पेयजल, वाटर फिल्टर, किचन गार्डन के लिए स्थान, बाउंड्रीवाल, फर्नीचर, गैस कनेक्शन एवं विद्युत कनेक्शन होना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि जिन आंगनबाड़ी केन्द्रों में आंतरिक विद्युतीकरण हो गया है, उसकी सूची तत्काल उपलब्ध कराएं, ताकि बिजली विभाग से शीघ्र कनेक्शन दिला सके। उन्होंने सभी स्मार्ट आंगनबाड़ी केन्द्रों में एलईडी टी.व्ही., फर्नीचर एवं वाटर फिल्टर उपलब्ध कराने हेतु प्रस्ताव शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करने तथा इस योजना के तहत अधिक से अधिक महिलाओं को लाभ दिलाने को कहा। उल्लेखनीय है कि इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को प्रसव के बाद पौष्टिक आहार के लिए सीधे उनके खाते में किस्तों में राशि जमा की जाती है। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के 11, सहायिकाओं के 28 एवं मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के 7 रिक्त पदों की पूर्ति 30 सितम्बर तक करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पोषण अभियान में उत्कृष्ट कार्य करने वाली जिले की 15 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पुरस्कृत किया जाएग, इसके लिए प्रस्ताव तैयार करने के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री एल.आर. कच्छप को आवश्यक निर्देश दिए।
बैठक में कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न योजनाओं की प्रगति की विकासखंडवार समीक्षा कर लक्ष्य के अनुरूप उपलब्धि हासिल करने के लिए निर्देश दिए। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के.के. गजभिये ने बताया कि जिले में डेंगू-मलेरिया से किसी की मौत नहीं हुई है। डेंगू मलेरिया के 1397 मरीजों की जांच में 61 मरीजों में एनएस-वन के लक्षण पाए जाने पर उसे नियंत्रित कर लिया गया। उन्होंने बताया कि डेंगू मलेरिया से बचने के लिए लगातार शिविरों का आयोजन, रैली एवं दीवार लेखन के माध्यम से जन-जागरूकता लाए गए। इसके साथ ही टीकाकरण का छिड़काव एवं जिले में 80 हजार 477 मच्छरदानी का वितरण किया गया। कलेक्टर ने जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में जहां चार पहिया वाहन पहुंचने में दिक्कत होती है उन क्षेत्रों में स्वैच्छिक संस्थाओं के माध्यम से आपात स्थिति में सुरक्षित प्रसव एवं नवजात बच्चों की ईलाज के लिए शुरू किए गए बाईक एम्बुलेंस की भी समीक्षा की। बैठक में बाईक एम्बुलेंस के प्रचार-प्रसार करने तथा बाईक एम्बुलेंस चालक का नाम एवं मोबाईल नम्बर महिला एवं बाल विकास विभाग के सभी परियोजना अधिकारियों एवं पर्यवेक्षकों को उपलब्ध कराया गया, ताकि उनके माध्यम से इस व्यवस्था की जानकारी हितग्राहियों को मिल सके और इसका समुचित लाभ लिया जा सके। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री कुंदन कुमार, सभी विकासखंड चिकित्सा अधिकारी और महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला अधिकारी श्री अतुल परिहार सहित सभी परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक उपस्थित थे।