कर्मचारियों को मिला 1.39 करोड़ इंसेटिव
कोरबा-एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर की ओर से जारी स्कीम के तहत गेवरा प्रोजेक्ट में काम करने वाले कर्मचारियों को प्रबंधन ने एक करोड़ 39 लाख 32 हजार 225 रुपए का इंसेंटिव दिया है। वर्ष 2019 -2020 का इंसेंटिव स्कीम (प्रोडक्टिविटी इंप्रूवमेंट स्कीम) जनवरी 2020 को मुख्यालय की ओर से जारी किया गया। जिसके तहत गेवरा प्रोजेक्ट अपने उत्पादन लक्ष्य 45 मिलियन टन को पूरा किया। प्रोजेक्ट ने 1 करोड़ 56 लाख 54185 रुपए का इंसेंटिव अर्जित किया था। उक्त राशि 3 महीने में अर्जित की गई। इसमें से 9 प्रतिशत गेवरा क्षेत्रीय इकाई, 1-1 प्रतिशत राशि सीईडब्लूएस व कंपनी मुख्यालय को दिए जाने के बाद शेष 89 प्रतिशत राशि याने 1 करोड़ 39 लाख 225 रुपए इंसेंटिव के रूप में कर्मचारियों को वितरित किया गया है। कोयला मजदूर सभा (एचएमएस) गेवरा के सचिव एससी मंसूरी ने बताया कि बीते वर्ष 2018 -2019 में इंसेंटिव नहीं आने से कर्मचारी निराश थे। लेकिन संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष रेशम लाल यादव इसके लिए लगातार प्रयास कर रहे थे कि जल्द से जल्द इंसेंटिव सभी क्षेत्रों में भेजी जाए। ताकि कर्मचारियों को इंसेंटिव का भुगतान किया जा सके। कई बार ऐसा होता है कि लक्ष्य पूरा करने के बाद भी कर्मचारियों का इंसेंटिव नहीं आता इससे कर्मचारियों का मनोबल कमजोर होता है। लेकिन संगठन के प्रयास से इस बार कर्मचारियों को 1290 रुपए से लेकर 8056 रुपए तक इंसेंटिव का भुगतान किया गया है। इससे प्रोजेक्ट के कर्मचारियों में खुशी है। इस राशि का भुगतान मंथली रेटेड एवं डेली रेटेड की जून माह की सैलरी के साथ किया गया। कर्मचारियों ने कहा कि इंसेंटिव पाकर वे लोग खुश हैं। उन्होंने कहा कि आगे भी बेहतर काम करेंगे, जिससे आने वाले समय में उन्हें और बेहतर इंसेंटिव मिले।
ओवर टाइम कम होने से मिला इंसेंटिव
एससी मंसूरी ने बताया कि इस वर्ष ओवरटाइम कम होने के कारण इंसेंटिव प्राप्त हो सका है। नहीं तो इसके पहले ओवर टाइम ज्यादा होने से कर्मचारियों को इंसेंटिव नहीं मिल पाता था। और यह कहा जाता था कि इंसेंटिव का पैसा ओटी में कट गया है। गेवरा प्रोजेक्ट में जनवरी फरवरी व मार्च माह का 10 करोड़ 69 लाख 84883 रुपए ओवर टाइम का कर्मचारियों को भुगतान किया गया है। इंसेटिव मिलने के बाद कर्मचारियों का मनोबल और बढ़ा हुआ है।