कवर्धा में ये सभी दुकाने 31 मार्च या आगामी आदेश तक पूर्ण रूप से बंद रहेंगे
ऐेपिडेमिक डिसीज एक्ट के तहत संस्थाएं, दुकानें एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठान 31 मार्च या आगामी आदेश पर्यन्त अनिवार्य रूप से बंद रखने के आदेश
कबीरधाम कलेक्टर श्री शरण ने आदेश कठोरता से पालन करने कहा
कवर्धा- कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री अवनीश कुमार शरण ने आज कोरोना वायरस कोविड-19 संक्रमण से बचाव एवं स्वास्थ्यगत आपातकालीन स्थिति को नियंत्रण में रखने की दृष्टि से ऐेपिडेमिक डिसीज एक्ट के तहत् जिला के समस्त नगरीय सीमा के अंतर्गत आने वाले चुनिंदा संस्थाओं, दुकानों और प्रतिष्ठानों को छोड़कर अन्य सभी संस्थाओं, दुकानों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को 31 मार्च या आगामी आदेशपर्यन्त अनिवार्य रूप से बंद रखने के लिए आदेशित किया है। इस आदेश का उल्लंघन किए जाने पर सख्त कार्यवाही की जायेगी।
इसके तहत् सभी मण्डियों, एवं दुकान व ठेला (सब्जी , फल, अनाज), मेडिकल संस्थाएं एवं मेडिकल दुकान, ट्रांसपोर्ट नगर व गुड्स एवं कैरियर सेवाएं , पेट्रोल पंप, गैस ऐजेंसी , बैंकिंग सेवाएं (जिसमें एक समय में 10 से अधिक व्यक्ति एकत्रित नहीं होगे), एटीएम, मीडिया संस्थाएं, पेयजल सुविधा,सीवेज ट्रीटमेंट व्यवस्थाएं , फायर बिग्रेड , टेलीफोन, इंटरनेट सुविधा, होटल एवं रेस्टोरेंट(जिसमें पक्की संरचनाएं , वैध लायसेंस उपलब्ध हो इसके अलावा राज्य एवं केंद्र शासन द्वारा कोविड वायरस के संदर्भ में समय-समय पर जारी निर्देशो के अनिवार्य रूप से पालन करने पर) , मोबाइल रिचार्ज एवं सर्विसेज दुकानें, डेली नीड्स एवं किराना दुकानें, मिल्क पार्लर, विद्युत व्यवस्थापन , बेकरी दुकानों को छोड़कर अन्य सभी संस्थाओं, दुकानों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को बंद रखने के निर्देश दिए गए है। आबकारी संबंधी इकाइयों के संदर्भ में सक्षम प्राधिकारी द्वारा पृथक से आदेश जारी किए जाएगे।
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस संक्रामक बीमारी है, जो विश्व के अनेक देशों में महामारी का रूप ले रही है। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह तथ्या परिलक्षित है कि कोरोना वायरस(कोविड-19) के संपर्क से पीड़ित संदेही से दूर रहने की सख्त हिदायत है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा इससे बचने के लिए सभी संभावित उपाय अमल मे लाने के लिए निर्देशित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस कोविड-19 के रोकथाम एंव नियंत्रण के संदर्भ में निर्देश का उल्लंघन किया जाता है, तो वह भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 188 के अंतर्गत दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आता है।