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79वें दिन सोशल डिस्टेंसिंग के साथ हुआ भगवान और भक्तों का मिलन, मस्जिदों में भी सामूहिक नमाज पढ़ी गई

भोपाल. 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के बाद श्रद्धालुओं के लिए बंद हुए धार्मिक स्थल आज सुबह से खुल गए। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ भक्त और भगवान का मिलन हो गया है। धार्मिक स्थलों पर कोरोना संक्रमण न फैले, इसके लिए व्यवस्थाओं समेत मंदिर समितियों ने अपने स्तर पर इंतजाम किए हैं। हाथ धोने के गेट पर इंतजाम किए गए हैं। घंटों को उतार दिया गया या फिर कपड़े बांधे गए हैं। मंदिरों में प्रसाद और चरणामृत नहीं दिया जा रहा है। आज फजिर की नमाज मस्जिदों पढ़ी गई। भोपाल इंदौर में अभी धार्मिक स्थल खोलने की अनुमति जिला प्रशासन ने नहीं दी है।

गाइडलाइन के अनुसार, 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों और 10 साल कम उम्र के बच्चे और गर्भवती महिलाओं को बाहर न जाने की सलाह दी गई है। धार्मिक स्थलों पर फूल, नारियल, अगरबत्ती, चादर और चुनरी चढ़ाने और घंटी बजाने की अनुमति नहीं होगी। इसके लिए मापदंड निर्धारित किए हैं, जिसमें प्रमुख रूप से भक्तों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन और मास्क पहनना होगा। इसके अलावा आरती की थाली, मूर्ति आदि पर चढ़ावा कैश रूप न देने और दान पेटी में न डालने के बजाए डिजिटल ट्रांसफर को प्राथमिकता देने के लिए कहा गया है। वहीं प्रसाद, चरणामृत का छिड़काव भी प्रतिबंधित किया गया है।

मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए मेटी घर से लाना होगी
मंदिर में प्रार्थना के लिए जहां भक्तों को घर से मेटी लाना होगी। मस्जिदों में नमाज पढ़ने के लिए बुजु घर से करके आना होगा। इसी प्रकार परिसर में परिसर में एसी चलाने के लिए सीपीडब्लूडी के निर्देशों के मुताबिक एसी का तापमान 24 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच ही रखना होगा।

लंगर में भी सोशल डिस्टेंसिंग रखनी होगी
इसी प्रकार धार्मिक प्रतिष्ठानों पर चलने वाले सामुदायिक रसोई, लंगर, अन्नदान में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। परिसर की साफ-सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान देना होगा। इसके अलावा संक्रमण के परिप्रेक्ष्य में लोगों को जागरूक करने के लिए सूचना चलानी होगी।

खांसी, बुखार के मरीजों को नहीं मिलेगा प्रवेश
आदेश के अनुसार सर्दी, खांसी, बुखार के मरीजों का धार्मिक स्थलों पर प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। प्रवेश पर द्वारा हैंड हाइजीन के लिए सेनेटाइजर, डिस्पेंसर, थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य रुप से उपलब्ध होना चाहिए। सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के लिए परिसर में गोले बनाने होंगे।

पीतांबरा पीठ पर 3.5 घंटे में 950 स्थानीय लोगों ने कराए पंजीयन

नियमित दर्शन नहीं कर सकेंगे श्रद्धालु, अगर समय बचा तो दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ाएगा पीठ प्रबंधन
श्री पीतांबरा माई के दर्शन के लिए रविवार काे साढ़े तीन घंटे में 950 स्थानीय लोगों ने अपना पंजीयन कराया। पीठ पर सुबह 9 बजे से पंजीयन शुरू किए गए थे। दो दिन का दर्शनार्थियों की संख्या का कोटा पूरा हो जाने के बाद पीठ प्रबंधन ने दोपहर 1.30 बजे पंजीयन करना बंद कर दिए। साेमवार काे 450 श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। शेष श्रद्धालु मंगलवार को दर्शन कर पाएंगे। अब श्रद्धालु नियमित दर्शन नहीं कर पाएंगे। 10 जून से स्थानीय व बाहरी लोग ऑनलाइन पंजीयन करा सकेंगे।

रतनगढ़ मंदिर… 50- 50 श्रद्धालुओं को मिलेगा मौका
माता मंदिर पर सोशल डिस्टेंस के साथ 50-50 लोगों को दर्शन का मौका दिया जाएगा। यानि पहले मंदिर के पास सोशल डिस्टेंस के साथ 50 श्रद्धालुओं को भेजा जाएगा। शेष को दूर रोक लिया जाएगा। जब सभी 50 दर्शनार्थी दर्शन कर दूसरे रास्ते से बाहर निकल जाएंगे। इसके बाद दूसरे 50 लोगों को दर्शन का मौका मिलेगा। बता दें कि मंदिर पर सोमवार को मेला लगता है। हजारों की संख्या में दर्शनार्थी पहुंचते हैं।

सलकनपुर धाम पर सुबह 9 से शाम 5 बजे तक ही होंगे दर्शन

सलकनपुर विजयासन देवीधाम के पट भी श्रद्धालुओं के लिए खुल गए हैं। माता के दर्शन के लिए सबसे पहले सीढ़ी और वाहन मार्ग पर स्क्रीनिंग गई। सलकनपुर देवीधाम सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुलेगा। सलकनपुर मंदिर में सड़क मार्ग से दर्शन करने वालों के लिए नियम बनाया गया है। इसमें चार पहिया वाहन में ड्राइवर के साथ दो लोग ही वाहन में जा सकेंगे। मंदिर हॉल में दर्शन करने एक बार में केवल 10 लोगों को ही भेजा जाएगा। इनके बीच छह फीट की दूरी होना जरूरी होगा। सलकनपुर देवीधाम मंदिर के लिए श्री देवी मंदिर कमेटी गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत दर्शन के लिए सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक का समय रहेगा। यहां बिना मास्क, सैनिटाइजर के मंदिर में प्रवेश वर्जित रहेगा। इसके अलावा हर श्रद्धालु को अपने साथ आईडी लाना जरूरी होगा।

मंदिरों में यह रहेगी व्यवस्था…

  • सभी मंदिर सुबह 9 से शाम 5 बजे तक खोले जाएंगे।
  • श्रद्धालुओं को एक दूसरे से 6 फीट की दूरी बना कर रखना होगा।
  • सभी मंदिरों पर 4 पटवारी व 4 कोटवारों को पुलिस बल के साथ तैनात किया जाएगा।
  • 65 साल के ऊपर व 10 साल से कम उम्र के बच्चों को मंदिरों में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
  • बीमार व्यक्ति का मंदिर में प्रवेश वर्जित रहेगा।
  • मंदिरों पर इसके प्रचार प्रसार के लिए बैनर लगाए जाएंगे। एनाउंसमेंट भी होगा।
  • सभी दर्शनार्थियों का मास्क लगाना अनिवार्य होगा।
  • हर 2 घंटे में मंदिरों को सेनेटाइज किया जाएगा।
  • मंदिरों में मूर्ति स्पर्श, फूलमाला व प्रसाद ले जाना प्रतिबंधित रहेगा।
  • पीतांबरा पीठ पर दर्शन के लिए 10 जून से स्थानीय व बाहरी सभी ऑनलाइन पंजीयन करा सकेंगे
  • श्रद्धालओं के लिए माई के दर्शन करने की व्यवस्था देखते पीतांबरा पीठ के सेवक।

 

cgnewstime

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