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मरीज बढ़ते ही ट्रेनों के 110 कोच में 880 बिस्तर रेडी, हर बोगी में 8 बेड, कोरोना के इलाज की पूरी सुविधा

रायपुर-कोरोना के मरीजों की तेजी से बढ़ रही संख्या को देखकर ट्रेन की 110 बोगियों में बने 880 बिस्तरों के अस्पताल को रेडी कर लिया गया है। स्वास्थ्य विभाग के एक कॉल पर आईसोलेशन वार्ड वाली ट्रेन कहीं भी पहुंच जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने फिलहाल रेलवे के बिलासपुर अस्पताल को कोरोना मरीजों के लिए अधिग्रहित कर दिया है। रायपुर का 50 बिस्तरों वाला अस्पताल भी अधिग्रहित किया जाएगा। उसके बाद ट्रेन की बोगियों में बने आइसोलेशन वार्ड का उपयोग किया जाएगा। दरअसल पिछले एक हफ्ते में मरीज तेजी से बढ़े हैं। एम्स और माना का कोविड अस्पताल फुल हो गया है। इसलिए अब सरकारी एजेंसियां मान रही हैं कि ट्रेन वाले इस अस्पताल की जरूरत कभी भी पड़ सकती है।
रेलवे और स्वास्थ्य अफसरों के अनुसार अभी आइसोलेशन वार्ड में तब्दील की गई एक ट्रेन रायपुर और एक बिलासपुर के आउटर में रखी जाएगी। स्टेशन को हाई रिस्क जोन के दायरे से बचाने के लिए आईसोलेशन वार्ड वाली ट्रेनों को आउटर में रखकर मरीज वहीं भर्ती किए जाएंगे। अफसरों के अनुसार अचानक किसी इलाके में कई मरीज एक साथ मिल जाने की दशा में ट्रेन को उस जगह तक ले जाने का प्लान है, ताकि इलाज शुरू होने में देरी न हो। रायपुर-बिलासपुर दोनों स्टेशनों के आउटर में आइसोलेशन वार्ड में तब्दील बोगियों को खड़ी रखने की जगह भी तय कर ली गई है। यह ऐसी जगह है, जिससे शहरी आबादी को कोई खतरा नहीं होगा।

एक कोच में 8 रहेंगे 8 बेड डॉक्टर-स्टाफ केबिन वहीं
दुर्ग और बिलासपुर के कोचिंग डिपो में ट्रेन की बोगियों को आइसोलेशन वार्ड बनाकर तैयार कर लिया गया है। हर कोच में 8 वार्ड और एक डॉक्टर केबिन के साथ दवाई आदि रखने के लिए अलग से जगह बनायी गयी है। दुर्ग के कोचिंग डिपो में सभी तैयार वार्ड को अपडेट किया जा रहा हैै। 440 आइसोलेशन वार्ड को बनाने में रेलवे प्रशासन को करीब 18 लाख रुपए खर्च करने पड़े हैं। गौरतलब है कि रायपुर के साथ साथ देश के कई मंडल व जोन में ऐसे वार्ड बनाकर तैयार कर लिए गए हैं। अफसरों के मुताबिक डब्ल्यूआरएस कॉलोनी में खारुन विहार इंस्टीट्यूट में 60 बेड का आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है। यही नहीं, रेलवे सुरक्षा बल(आरपीएफ)की बैरक में 23 बेड बनाए गए हैं। इसी तरह रायपुर रेल मंडल में करीब 200 क्वारेंटाइन बेड अतिरिक्त बनाए गए हैं।
एम्स और अंबेडकर से ज्यादा बेड
ट्रेन की 110 बाेगियों में 880 बिस्तर तैयार किए गए हैं। इतने बिस्तर न तो एम्स में हैं और न ही अंबेडकर अस्पताल में। एम्स में 500 मरीजों को भर्ती करने की सुविधा है। अंबेडकर अस्पताल में भी लगभग इतने ही मरीज एक साथ एक समय में भर्ती किए जा सकते हैं, जबकि ट्रेन की दोनों बोगियों में एक साथ एक समय में 880 से ज्यादा मरीजों को भर्ती रखकर उनका इलाज किया जा सकेगा। दवा और स्टाफ की सुविधा स्वास्थ्य विभाग की ओर से उपलब्ध करवायी जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार कोरोना पीड़ितों को फिलहाल गाइडलाइन के हिसाब से जो ट्रीटमेंट दिया जा रहा है, वैसा इलाज ट्रेन की आईसोलेशन बोगी में दिया जाना संभव है।

“कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए बिलासपुर के 50 बेड वाला रेलवे अस्पताल हायर किया है। अस्पतालों में बेड कम पड़ने लगेंगे, तब आइसोलेटेड वार्डों वाली ट्रेनें भी लगाएंगे।”
-डॉ. अखिलेश त्रिपाठी, मीडिया प्रभारी, कोरोना सेल
“रायपुर व बिलासपुर मंडल ने ट्रेन डिब्बों में 880 आइसोलेटेड बेड तैयार कर रखे हैं। शासन की मांग पर किसी भी आपात परिस्थितियों में रेलवे इन्हें तुरंत उपलब्ध करवा देगा, वह भी निशुल्क।”
-तन्मय मुखोपाध्याय, सीनियर डीसीएम, रायपुर मंडल

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