छत्तीसगढ़ में कोरोना हुआ पावरफुल, अस्पताल में संक्रमित मरीजों की लगी कतारें
रायपुर- छत्तीसगढ़ में कोरोना (Corona Became Powerful In Chhattisgarh) विकराल महामारी का रूप ले चुका है। अब अगर कोई सबसे ज्यादा चिंतित, हैरान-परेशान है तो वह है स्वास्थ्य विभाग, क्योंकि मरीजों को घर से रिकवरी करने के लिए एंबुलेंस कम पड़ रही है। संक्रमित मरीजों की अस्पताल में कतारें लग गई हैं। सबसे ज्यादा भयावह स्थिति रायपुर की है, क्योंकि यहां एम्स, अंबेडकर अस्पताल और माना कोविड-19 अस्पताल तो लगभग भर चुके हैं।
सरकार ने अस्पताल प्रबंधन से तत्काल बेड बढ़ाए जाने के निर्देश दिए हैं। यही वजह है कि लालपुर अस्पताल और रिजर्व में रखे गए इनडोर स्टेडियम के अस्थाई अस्पताल को खोल दिया गया है। स्थिति यह है कि 1685 में से 1061 बेड भर चुके हैं। प्रदेश में सिर्फ सरकारी संस्थानों में 16444 बेड की उपलब्धता है, जिनमें से अभी 2216 ही भरे हुए हैं।
रायपुर छोड़ बाकी जिलों में स्थिति ठीक है, बेड पर्याप्त है। आंकड़ों की माने तो गुरुवार को प्रदेश में 371 और शुक्रवार को तो सभी अनुमानों को पार करते हुए 434 नए मरीज मिले। विभागीय अफसरों का कहना है कि अब मानकर चलिए कि लॉकडाउन के दौरान रोजाना 300 से 400 मरीज मिलेंगे, क्योंकि सैंपलिंग और टेस्टिंग दोनों ही बढ़ा दी गई है। अगस्त में तो तीन आरटी-पीसीआर लैब और 13 ट्रूनेट मशीनों का भी उपयोग शुरू हो जाएगा, तब 10000 टेस्टिंग रोजाना होगी। अंदाजा लगाएं कि तब कितने मरीज मिलेंगे।
आईएमए छत्तीसगढ़ इकाई के इलेक्टेड प्रेसिडेंट डॉ महेश सिन्हा ने कहा कि ए-सिम्पटोमैटिक मरीजों को घर पर इलाज मुहैया करवाया जाए। इससे हेल्थ केयर सिस्टम पर से लोड काफी कम हो जाएगा। इन्हें तो क्वारंटाइन सेंटर में भी रखा जा सकता है। अस्पताल में रखने की अब जरूरत नहीं।
स्वास्थ्य विभाग के राज्य सर्विलेंस अधिकारी एवं प्रवक्ता डॉ धर्मेंद्र गहवई ने कहा कि मरीजों की संख्या बढ़नी तय है, इसलिए जहां जीतनी भी गुंजाइश है वहां बेड बढ़ाए जा रहे हैं। ताकि किसी भी मरीज को इलाज में कोई परेशानी ना हो। हॉस्टल, होटल, स्टेडियम सब पर विचार किया जा रहा है।