दूसरे चरण में भी छत्तीसगढ़ का नाम नहीं, 5 लाख प्रवासियों को नहीं मिलेगा लाभ
मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ को वन नेशन वन राशन कार्ड के दूसरे चरण में भी शामिल नहीं किया है। केंद्र ने शनिवार को दूसरे चरण की योजना में 4 और राज्यों जम्मू-कश्मीर के अलावा मणिपुर, नागालैंड और उत्तराखंड को शामिल किया है। इन्हें मिलाकर अब कुल 24 राज्य इस नेशनल पोर्टेबिलिटी योजना से जुड़ गए। खाद्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक केंद्र ने एक अगस्त, 2020 से ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ योजना का दूसरा चरण शुरु कर दिया है। इसमें अब 24 राज्यों और संघ शासित प्रदेश जुड़ गए हैं जिससे देशभर में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के करीब 65 करोड़ लाभार्थी इसका लाभ उठा पाएंगे। केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने पिछले सप्ताह हाल ही में की समीक्षा की थी इसके दूसरे चरण में 4 राज्यों को शामिल करते हुए 1 अगस्त से योजना शुरु करने हरी झंडी दी थी। पहले चरण में 20 राज्य जोड़े गए थे। किंतु देश में सबसे बेहतरीन पीडीएस वाले छत्तीसगढ़ को दोनों ही चरणों में शामिल नहीं किया गया।
इस प्रकार एक अगस्त, 2020 से अब ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ के तहत आंध्र प्रदेश, बिहार, दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड हैं।
इनको मिलेगा लाभ
ऐसे प्रवासी जो अस्थायी रोजगार आदि की तलाश में अपना निवास स्थान बार-बार बदलते रहते है, उनके पास अब देश में अपनी पसंद की किसी भी उचित दर दुकान पर लगे इलेक्ट्रोनिक पॉइंट ऑफ सेल (ई-पीओएस) उपकरण पर बायोमेट्रिक/आधार कार्ड के जरिए अपने मौजूदा राशन कार्ड से अपने कोटे अनाज ले सकते हैं। छत्तीसगढ़ से भी हर साल करीब 5 लाख से अधिक प्रवासी रोजगार और नौकरी के लिए देश के अन्य राज्यों में जाते हैं।
सिस्टम इंटीग्रेटर जल्द
“छत्तीसगढ़ में इसकी तैयारी चल रही है। सिस्टम इंटीग्रेटर लगाने जल्द टेंडर जारी कर दिए गए हैं। दिसंबर से योजना शुरु करने की कोशिश की जा रही है।”
-कमलप्रीत सिंह, सचिव एवं आयुक्त खाद्य