कवर्धा : मां चंडी व परमेश्वरी मंदिर से अर्धरात्रि को निकलेगा खप्पर, धारा 144 लागू, पुलिस प्रशासन की पैनी नजर !

कवर्धा । एक बार फिर कोरोना की वजह से चैत्र नवरात्र में देवी मंदिरों में सन्नाटा रहा। कवर्धा में देवी मंदिरों से खप्पर निकालने की परंपरा 100 साल से भी पुरानी है। हर नवरात्र में अर्धरात्रि को मां चंडी और परमेश्वरी मंदिर से खप्पर निकलता है। इस वर्ष भी यह खप्पर निकलेगा लेकिन प्रशासन की कड़ी चौकसी के बीच सबकुछ आयोजित होगा।
बता दे कि भले ही जिले में चैत्र नवरात्र पर्व में मंदिरों में सन्नाटा रहा लेकिन अष्टमी के दिन विशेष हवन-पूजन होगी। वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुसार मंगलवार देर रात 2 देवी मंदिर से खप्पर निकलेगा। इस दौरान किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो इसके लिए पुलिस ने चाक-चौबंद व्यवस्था की है।
देश में कलकत्ता के बाद छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा और कवर्धा में ही खप्पर निकालने की परंपरा रही है। अब यह परपंरा देशभर में केवल कवर्धा में में बची हुई है। कवर्धा में दो सिद्धपीठ मां दंतेश्वरी और मां चण्डी मंदिर और एक देवी मंदिर मां परमेश्वरी से परंपरा के अनुसार खप्पर निकाला जाता है। चैत्र नवरात्रि में मां दंतेश्वरी मंदिर से खप्पर नहीं निकाला जाता।
ऐसी मान्यता है कि खप्पर के नगर भ्रमण से किसी भी प्रकार की कोई भी आपदा, बीमारी नगर में प्रवेश नहीं कर पाती। वहीं शहर में सुख, शांति समृद्धि बनी रहती है। क्षेत्र के लोगों का मानना है कि दंतेश्वरी मंदिर से खप्पर की यह परंपरा करीब 100 साल से भी ज्यादा पुरानी है। वहीं शहर के ही मां चंडी मंदिर से 20 साल पहले मां परमेश्वरी मंदिर से निकलना शुरू हुआ है, जो आज भी कायम है। खप्पर मां काल रात्रि का रूप माना जाता है, जो एक हाथ में तलवार और दूसरे में जलता हुआ खप्पर लेकर मध्य रात्रि को शहर भ्रमण करती है।
ऐसी होती है खप्पर की तैयारी –
नवरात्रि में अष्टमी की मध्य रात्रि ठीक 12 बजे दैवीय शक्ति से प्रभावित होते ही समीपस्थ बह रही सकरी नदी के नियत घाट में स्नान के बाद आदिशक्ति देवी की मूर्ति के समक्ष बैठकर उपस्थित पंडों से श्रृंगार करवाया जाता है। स्थान के पूर्व लगभग 10.30 बजे से ही माता की सेवा में लगे पंडों द्वारा परंपरानुसार 7 काल, 182 देवी-देवता और 151 वीर बैतालों की मंत्रोच्चारणों के साथ आमंत्रित कर अग्नि से प्रज्ज्वलित मिट्टी के पात्र (खप्पर) में विराजमान किया जाता है। 108 नींबू काटकर रस्में पूरी की जाती है। इसके बाद खप्पर मंदिर से निकाली जाती है।
कवर्धा एसपी शलभ कुमार सिन्हा ने बताया –
कवर्धा एसपी शलभ कुमार सिन्हा ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा धारा 144 लगाया गया है। जो मंदिर में पूजा-पाठ करते केवल वे ही लोग इस पूजा में शामिल होंगे। किसी अन्य व्यक्ति को यहां आने की अनुमति नही है। पूरे शहर में पुलिस प्रशासन की चौकस नजर बनी हुई है। नियमों का उल्लंघन बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कड़ी सुरक्षा के बीच शहर स्थित मां चंडी मंदिर व मां परमेश्वरी से खप्पर निकाला जाएगा।