कबीरधामछत्तीसगढ़

श्रीमद्भागवत सप्तम दिवस : भगवान् के नाम में हैं पापों के सर्वनाश की शक्ति – शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती

छत्तीसगढ़/बेमेतरा। ‘परमाराध्य’ परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु श्रीश्री शंकराचार्य जी स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती ‘1008’ अपने प्रवास के सप्तम दिवस बुधवार को बेमेतरा के कृष्णा विहार स्थित निवास पर प्रातः भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर की पूजा कर दीक्षार्थियों को दीक्षा पश्चात दर्शन दिया। शंकराचार्य जी के मीडिया प्रभारी अशोक साहू ने बताया शंकराचार्य जी बेमेतरा के कृष्णा विहार कॉलोनी स्थित शंकराचार्य निवास से दोपहर 01 बजे कथा स्थल पहुँचे जहाँ सुरेंद्र कुमार छाबड़ा एवं परिवार द्वारा श्री भागवत भगवान की आरती व पादुकापुजन कर सप्तम दिवस का कथा प्रारम्भ कराया गया।

शंकराचार्य ने व्यासपीठ से कहा भगवान् के नाम में पापों के सर्वनाश की शक्ति है। चाहे कितना भी बड़ा पापी हो यदि वह भगवान् का नाम ले ले तो उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। कहते हैं कि भगवान्‌ के नाम में इतने पापों के नाश करने की शक्ति है कि उतने पाप पापी कर ही नहीं सकता।

उन्होंने भागवत में वर्णित अजामिल की कथा का सुनाते हुए कहा कि अजामिल ने अपने जीवन में अनेक घोर पाप किए थे, लेकिन जब उसकी मृत्यु हुई तो भगवान् के पार्षद विमान लेकर उसके पास पहुँच गये और उसे अपने साथ ले गये। उसने जीवन भर पाप किया था लेकिन नारायण नाम के उच्चारण मात्र से भगवान् के लोक में जाने का अधिकारी हो गया।

पूज्य शंकराचार्य जी ने कहा कि लोग यह प्रश्न पूछते हैं कि अजामिल ने तो अपने पुत्र का नाम नारायण रख लिया था। उसने भगवान् का नाम सीधे तो नहीं लिया तो फिर वह भगवान् के लोक में कैसे गया ? तो इसका उत्तर यह है कि जैसे अग्नि को चाहे आप जानकर स्पर्श करो या अनजाने में वह तो जलाएगी ही। ऐसे ही भगवान् का नाम चाहे जानकर लो या अनजाने में वह हमारा कल्याण ही करती है।

आगे कहा कि भारत के लोग भगवान् के नाम के माहात्म्य को जानते रहे हैं। इसीलिए आज भी अनेक लोगों के नाम भगवान् के नाम पर ही रखे मिलते हैं। लोग यह सोचते हैं कि नाम लेने के ही बहाने सही भगवान् का नाम तो मुख से निकलेगा। इसलिए माता-पिता को भी अपने बच्चों के नाम भगवान् के नाम पर ही रखने चाहिए।

छत्तीसगढ़ वासियों को शंकराचार्य जी ने दिया सवा लाख शिवलिंग स्थापना का अवसर – विधायक आशीष छाबड़ा

श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह का आज 7वां दिन है वही कार्यक्रम के आयोजक आशीष छाबड़ा ने आज लोगों को संबोधित किया उन्होंने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि हमें शंकराचार्य महाराज के श्री मुख से भागवत कथा श्रवण का अवसर मिला है। पहले दिन की तरह ही आज भी यह कहना चाहूंगा कि इतिहास में, जब भी यह पूछा जाएगा कि शंकराचार्य महाराज ने पहला भागवत कथा कहां किया था, तो बेमेतरा का नाम लिया जाएगा।

शंकराचार्य महाराज जी छत्तीसगढ़ में 18 पुराण और 18 उपपुराण करने जा रहे हैं, जिसकी शुरुआत उन्होंने बेमेतरा से की है। मंच पर कई संत गण मौजूद हैं, जिनके श्रीमुख से ज्ञान की बातें सुन रहे हैं, जिससे जीवन को बेहतर बनाने का अवसर मिल रहा है। वही सलधा लक्षेश्वर धाम में सवा लाख शिवलिंग की स्थापना की जा रही है। शंकराचार्य जी चाहते तो उनके एक आदेश पर पूरे देश से लोग यहां शिवलिंग की स्थापना करा सकते थे। उन्होंने अवसर छत्तीसगढ़ के लोगों को दिया। छत्तीसगढ़ वासी लगातार अपने और परिवार के नाम से शिवलिंग की स्थापना करा रहे हैं। वही, आज कई लोगों ने अपना नाम दिया है। आपसे निवेदन है कि आप भी धर्म के इस काम में अपनी आहुति दें। यही श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ सप्ताह कथा का समापन हुआ। वहीँ जगद्गुरू शंकराचार्य महाराज जी दिन गुरुवार को 2 बजे पश्चात ज्योतिर्मठ के लिए प्रस्थान करेंगे।

गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा –

छत्तीसगढ़ गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू शंकराचार्य महाराज का आशीर्वाद लेने पहुंचे, उन्होंने कि हम छत्तीसगढ़ वासी बड़े सौभाग्यशाली में कि शंकराचार्य जी महाराज का दर्शन हमें प्राप्त होता है। शंकराचार्य महाराज जी के श्री मुख से यहां भागवत कथा के श्रवण मात्र से भक्तों को अनेक लाभ भी मिलेगा। विधायक आशीष छाबड़ा का कार्य सराहनीय है उन्हें इस आयोजन के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा –

छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने शंकराचार्य महाराज के दर्शन किए और आशीर्वाद लिया उन्होंने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि शंकराचार्य के श्री मुख से भागवत कथा का श्रवण कर रहे हैं और उनके चरण वंदन करने का लाभ भी हमें मिल रहा है। कलयुग सनातन धर्म में यह मान्यता है कि श्रीमद्भागवत कथा ही भगवान का साक्षात अवतार है हमारे सनातन में यह मान्यता है शंकराचार्य भगवान ही भगवान के अवतार हैं।

इस संसार में भगवान का सीधा दर्शन नामुमकिन है, लेकिन व्यासपीठ में विराजमान जगद्गुरु शंकराचार्य जी के दर्शन से साक्षात भगवान का दर्शन हो रहा है। एक तो व्यासपीठ में आप विराजमान है, दूसरा शंकराचार्य अभिषेक होने के बाद श्रीमद् भागवत कथा का पहला कथा हम सबको श्रवण करने का अवसर मिला, तीसरा सौभाग्य है कि जिसको हम पूरे सनातन धर्म में धर्म सम्राट कहते हैं, स्वामी करपात्री जी महाराज का इसमें विरासत है। ब्रज के बाद छत्तीसगढ़ दूसरा ऐसा स्थान है जहां पर गुरुदेव जी महाराज हमेशा आते रहे हैं। ब्रज भूमि के बाद सबसे ज्यादा भक्तिभाव वाला क्षेत्र है और इस क्षेत्र में हमेशा उनका आशीर्वाद रहा है आपका भी आशीर्वाद हम लोगों के ऊपर इस तरह से बना रहे।

रामसुंदर दास महाराज अध्यक्ष गौसेवा आयोग छत्तीसगढ़ शासन –

हमारा सौभाग्य है कि शंकराचार्य भगवान जी व्यासपीठ पर विराजमान है और उनके श्रीमुख से हमें श्रीमद्भागवत कथा का समन हो पा रहा है, जब तक द्वी पीठाधीश्वर शंकराचार्य महाराज हमारे बीच उपस्थित रहे उनका छत्तीसगढ़ से बेहद ही लगा रहा, वे छत्तीसगढ़ लगातार आया करते थे। बहुत ही  अच्छा लगा शंकराचार्य महाराज के द्वारा श्रीमद्भागवत कथा  का श्रवण कराया जा रहा है। छत्तीसगढ़ कीसरकार के नरवा घुरवा अउ बाड़ी योजना का बहुत हीअच्छे तरीके से उल्लेख किया गया। छत्तीसगढ़ सरकार ने आज इस काम को शुरू किया है, आपने आज से 15 साल पहले शिव नारायण मठ में निवास करके “अविरल गंगा-निर्मल गंगा” करके अभियान चलाया। कवर्धा में जो सकरी नदी है, उसकी परिक्रमा करने उसका जीर्णोद्धार करने का बीड़ा आपने उठाया है। निश्चित रूप से आप धन्यवाद के पात्र हैं। छत्तीसगढ़ भगवान रामजी का ननिहाल है। यह कौशल्या माता की जन्मभूमि है निश्चित रूप से आपका स्वागत और अभिनंदन है। छत्तीसगढ़वासी आपको अपना मानते हैं। आप भी हमको अपना माने यही आप से कामना हैं।

वही बता दे आज दिन गुरुवार को प्रातः 11 बजे से कथा प्रारम्भ होगी जिसमें सुदामा चरित्र, तुलसिवर्षा व पुर्णाहुति  होगी ततपश्चात प्रभंजय चतुर्वेदी राष्ट्रीय भजन सम्राट द्वारा भव्य प्रस्तुति 2 बजे से वही नगर वासियो व दूरदराज से आये समस्त श्रद्धालुओं के लिए भव्य भंडारा का आयोजन किया गया है।

मुख्य यजमान सहित हजारों की रही मौजूदगी –

आज के आयोजन में मुख्यरूप से ताम्रध्वज साहू गृहमंत्री छत्तीसगढ़ शासन, रविन्द्र चौबे कृषि मंत्री छत्तीसगढ़ शासन, रामसुंदर दास महाराज अध्यक्ष गौसेवा आयोग, आशीष छाबड़ा विधायक बेमेंतरा, थानेश्वर साहू अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग आयोग, मोतीराम चन्द्रवंशी पूर्व विधायक पंडरिया, शालनी यादव जिला पंचायत अध्यक्ष दुर्ग, शशिकला सिन्हा महापौर नगर निगम रिशाली, अर्जुन तिवारी पंडरिया, हीराबाई वर्मा जनपद अध्यक्ष बेरला, अमित चन्द्राकर, महेंद्र सिंह सव्वनी, योगिता चन्द्राकर, रामकली यादव पुलिस जवाबदेही सदस्य, शिला नारखेड़े, सोनिया देवांगन, आचार्य राजेन्द्र शास्त्री, ब्रह्मचारी ब्रह्मविद्यानन्द, ब्रह्मचारी इंदुभावनन्द, ब्रह्मचारी शारदानंद, साध्वी पूर्णाम्बा, साध्वी शारदाम्बा, डॉ पवन कुमार मिश्रा धर्मालंकार, मुख्य यजमान सुरेंद्र किरण छाबडा, विनु छाबड़ा, चंद्रप्रकाश उपाध्याय विशेष कार्याधिकारी ज्योतिर्मठ, ब्रह्मचारी ज्योतिर्मयानंद, अशोक साहू शंकराचार्य मीडिया प्रभारी, ब्रह्मचारी केशवानन्द, ब्रह्मचारी हृदयानंद, ब्रह्मचारी परमात्मानंद, बटुक राम, निखिल, शैलेश, पंडित देवदत्त दुबे, पंडित आनंद उपाध्याय, बंटी तिवारी व हजारो के संख्या में श्रोतागण उपस्थित रहे।

Ashok Kumar Sahu

Editor, cgnewstime.com

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