कर्मचारी आवासीय कॉलोनियों में बने पुराने टंकियां तोड़ी, मलबा नहीं हटाने से नालियां हो रही है जाम ,गंदगी से रहवासी हो रहे हैं परेशान
कर्मचारी आवासीय कॉलोनियों में बने पुराने टंकियां तोड़ी, मलबा नहीं हटाने से नालियां हो रही है जाम ,गंदगी से रहवासी हो रहे हैं परेशान
गेवरा दीपका
एसईसीएल गेवरा क्षेत्र में कर्मचारी आवासीय कालोनियों की पुरानी जर्जर हो चुकी पानी की टंकियों को तोड़ा जा रहा है और उनके स्थान पर नई टंकियां लगाई जा रही हैं ।
सिविल विभाग की लापरवाही के कारण कर्मचारी परेशान है,गेवरा के एमडी टाईप कालोनी में कचरा का ढेर और मलबा के कारण कई दिनों से गंदगी वहां चारों और पसरी हुई है जिससे नालियां जाम हो गई । जिसके शिकायत प्रबंधन को पहले ही कई बार किया जा चुका है
कर्मचारियों और उनके परिवार ने इस बात पर हैरत जतायी है कि एक तरफ कोविड संक्रमण को रोकने तमाम तरह के ढकोसले किये जा रहे हैं और दूसरी तरफ साफ सफाई के मामले में गेवरा प्रबंधन के द्वारा अनदेखी की जा रही है।
बता दे कि एसईसीएल प्रबंधन के द्वारा पिछले दिनों ठेके पर काम देने के साथ कर्मचारी आवासीय परिसर एमडी टाईप कालोनी की पुरानी टंकियों को तोड़ दिया गया। इसके स्थान पर नई व्यवस्था की गई। वर्कआर्डर प्राप्त करने वाले ठेकेदार ने अपनी सुविधा के अनुसार टंकिया तोडऩे के साथ मलबा पास में ही गिरा दिया। इसके चलते संबंधित आवासों से निकलने वाले गंदे पानी की निकासी वाला ड्रेनेज सिस्टम बाधित हो गया। वर्तमान में बड़े हिस्से की नालियां जाम हो गई है। मौके पर कई ट्रैक्टर कचरा जमा हो गया है। एसईसीएल में डोजर आपरेटर के पद पर काम करने वाले कर्मचारी संतोष सिंह राजपूत ने बताया कि उनके आवास संख्या एमडी 380 के आसपास की नाली उपरोक्त कारणों से बेमतलब साबित हो रही है। क्षेत्र के कर्मियों ने भी यहां पर बनी समस्या के बारे में एसईसीएल गेवरा प्रबंधन के जिम्मेदार अधिकारियों व संबंधितों को जानकारी दी। लेकिन इसका कोई हल नहीं निकल सका। इससे पहले ठेकेदार को समस्या बताने पर उसने मलबा हटाने की बात कही थी लेकिन इसे हटाया नहीं गया। इन सभी कारणों से एमडी टाईप कालोनी में समस्या जस की तस बनी हुई है। इसके कारण कर्मचारी और उनके परिवार काफी त्रस्त हो गए हैं।
एसईसीएल की एमडी कालोनी में जिस तरह से कर्मचारी परेशान है, उससे प्रबंधन की कार्यशैली पर प्रश्रचिन्ह खड़े हो रहे है। अक्सर देखा जाता है कि बड़े अधिकारियों और वेलफेयर कमेटी के दौरे होने पर भारी भरकम खर्च किया जाता है और दिखावे के तौर पर सबकुछ अच्छा-अच्छा कर दिया जाता है। असली तस्वीर बाद में साफ होती है।