मंत्री वर्मा ने किया पर्वत दान, लोगो का उमड़ा जनसैलाब… पढ़े पूरी खबर
कवर्धा- बोड़ला विकासखंड के उसलापुर में आयोजित श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ व राम कथा का हुआ समापन कार्यक्रम में आसपास के जिलेवासियों सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए । इस दौरान पर्वतदान यज्ञ का आयोजन भी किया गया जिसमें अनाज दान,सोना,चांदी के सिक्के के दान भी दिया गया जिसे लेने लोगों का भारी संख्या में भींड उमड़ पड़ा।
कौतुक का विषय बना है पर्वतदान
बहुत लंबे अंतराल के बाद क्षेत्र में पर्वत दान कार्यक्रम का आयोजन हुआ। आसपास के बुजुर्गों ने इस विषय में जानकारी देते हुए बताया कि लगभग 65 वर्षों के बाद इस तरह के यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है, जिससे यज्ञ के प्रति लोगों में कौतूहल का माहौल बन गया। स्थानीय बताते है ग्राम उसलापुर निवासी मंत्री वर्मा 65 वर्ष के है जिनके तीन पुत्रिया जिनका विवाह हो चुका है जिनको जिज्ञासा थी अपने जीवन मे एक बार पर्वत दान यज्ञ करना है।
इस विषय में जानकारी देते हुए ग्राम कुसुम घटा के शिव वर्मा बोड़ला के चंद्रप्रकाश त्रिवेदी, तुलसीराम पटेल, बसन्त यादव, चन्द्रिका साहू, ग्राम बद्दो के अनुज वर्मा सहित अनेक लोगों ने बताया कि इससे पहले उन्होंने पर्वत दान विषय के बारे में पुराने लोगों से सुना था उनके मन में इस तरह के यज्ञ को देखने की बड़ी लालसा थी। क्षेत्र में इस तरह का महायज्ञ के आयोजन होने से उनके मन में बड़ा कौतूहल था जो उसलापुर में देखकर पूरा हुआ है । लोग सोशल मीडिया व समाचार पत्रों के माध्यम से इस जगह के बारे में जान के कौतूहलवश यज्ञ स्थल पर पहुंच इस आयोजन का आनंद लिया।
क्या है पर्वत दान
पर्वत दान के विषय में जानकारी देते हुए यज्ञाचार्य मेघनंद शास्त्री ने बताया कि पर्वत के समान विशाल मात्रा में किसी द्रव्य या अन्न का दान किया जाता है। अन्न दान भारत की प्राचीन परंपरा रही है। अनेक राजाओं द्वारा पंच व सप्तधान्य का पर्वत बनाकर उसे आम जनता को दान करने का उल्लेख मिलता है ।उन्होंने दान के विषय में बताते हुए कहा कि दान के तीन रूप होते हैं, नित्य दान, नैमित्तिक दान व काम्य दान। जो रोज दिया जाता है वह नित्य दान। ग्रहण वगैरह के समय दिया जाने वाला नैमित्तिक दान और जिसे करने से किसी कामना की पूर्ति होती है उसे का काम्य दान कहते हैं। गीता में दान को सात्विक राजसी और तामसिक तीन श्रेणियों में बांटा गया है पर्वत दान के 10 भेद बताते हुए विस्तार से पर्वत दान के विषय में समझाया।
65 साल बाद हो रहा है पर्वत दान
पर्वत दान के विषय में जानकारी देते हुए क्षेत्र के वरिष्ठ नागरिकों ने बताया जा है कि करीबन 65 वर्षों के बाद क्षेत्र में ऐसा विराट आयोजन किया जा रहा है । आयोजन के संबंध में यजमान मंत्री वर्मा बताते हैं कि ग्राम बैहरसरी के परमानंद मालगुजार द्वारा 65 साल पहले इस प्रकार का आयोजन किया गया था तब वह वे 10 साल के थे । ग्राम बद्दो के बद्री वर्मा ने बताया इस तरह के आयोजन के विषय में सुना रखा था लेकिन, आज इस प्रकार के यज्ञ को प्रत्यक्ष देखने को मिल रहा है ,उन्होंने बताया कि उनके दादा दादी और पिताजी बताते थे कि ग्राम रघु पारा में भी इस तरह पर्वत दान यज्ञ का पुनीत कार्य राजा धर्मराज द्वारा कराया गया था। यज्ञाचार्य मेघानंद शास्त्री ने बताया कि पहले भी इस तरह के आयोजन हुए होंगे, लेकिन उसका स्वरूप बहुत छोटा होता रहा होगा, लेकिन बदलते समय के साथ यजमान मंत्री वर्मा द्वारा पर्वत दान का 65 सालों बाद ऐसा भव्य आयोजन किया जा रहा है जो कि पूरे क्षेत्र के लिए अनुकरणीय उल्लेखनीय आयोजन था।