कबीरधाम : कोरोना काल में किसान परेशान, भारतीय किसान संघ की मांग, कोरोना रोकथाम के साथ खाद व बीज की भी व्यवस्था करें सरकार
कबीरधाम। देश और दुनियाभर में कोरोना से जो हालात निर्माण हुआ है। इस पर सबसे अधिक चिंतित देश के कृषक समाज है। किसानों से चर्चा के पश्चात् चिंता का कारण खरीफ की तैयारियों को लेकर ही दिखाई पड़ रहा है, जिस प्रकार से लॉकडाउन की अवधि बढ़ते ही जा रही है इस बात ने किसानों की चिंता को और दुगना कर दिया है।
संजय साहू ब्लॉक अध्यक्ष स/लोहारा भारतीय किसान संघ ने कहा कि अभी समितियों में पर्याप्त मात्रा में बीज एवं खाद का भंडारण होना शेष है और सरकार द्वारा इतना प्रयत्न करने के बावजूद कोरोना के प्रभाव में कोई विशेष गिरावट नहीं दिखाई दे रही है। ऐसे में किसानों के मध्य संशय की स्थिति उत्पन्न हो रही है कहीं लॉकडाउन और बढ़ाया गया तो किसानी के कार्यों में बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा और कृषि तो समय आधारित कार्य है। फसलों से संबंधित सभी कार्य समय से हो तो ही फसल अच्छी होती है।
धान की खेती करने वाले ऐसे किसान जिनके पास स्वयं का सिंचाई साधन है, वो जून के प्रथम सप्ताह में ही नर्सरी लगा देते है। क्षेत्र में ऐसे सिंचित किसानों का रकबा हजारों एकड़ होगा एवं असिंचित खेती करने वाले किसान धान की बोआई 15 जून के आसपास से प्रारंभ करते हैं। अब ऐसे में समितियों में कब बीज एवं खाद का भंडारण होगा और कब किसान इनका उठाव करेंगे ऐसी स्थिति में तो अफरातफरी ही मचेगी और ठिक से भंडारण नहीं होने से खाद एवं बीजों की किल्लत का समाना करना पड़ेगा और इसका प्रभाव सीधा सीधा किसानी पर पड़ेगा।
इस प्रकार की भगदड़ ना मचे इसके लिए शासन प्रशासन ने अभी से सभी तैयारियां पूर्ण कर लेनी चाहिए। समितियों में पर्याप्त मात्रा में खाद एवं बीज का भंडारण सुनिश्चित किया जाना चाहिए एवं समितियों एवं बैंकों मे ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए की कोविड को देखते उसके सभी नियमों का पालन भी हो। शासन यदि छूट देता है तो इसमें किसानों के भी ध्यान देने की आवश्यकता है कोविड उपयुक्त नियमों का पालन करते हुए इस व्यवस्था को सुचारू रुप से बनाए रखे।
भारतीय किसान संघ के.जिला महामंत्री श्री डोमन चंद्रवंशी ने कहा की क्षेत्र के किसान महामाया एवं स्वर्णा धान की खेती बहुतायात में करते है पिछले वर्ष महामाया धान के बीज को लेकर अव्यवस्था भी हुई थी एवं बीजों में अशुद्धता भी पाई गई थी इन बातों का शासन को विशेष ध्यान रखना चाहिए कही पर भी बीजों की अल्पता ना हो।