सांसद संतोष पाण्डेय ने लोकसभा में छत्तीसगढ़ी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की बात कही
राजनांदगांव – नवनिर्वाचित सांसद श्री संतोष पाण्डेय जी लोकसभा में होने वाले लगभग हर चर्चा में भाग लेते हुए छत्तीसगढ़ के किसान, गरीब, मजदूर और विकास के लिए सदन में लगातार आवाज उठा रहें हैं. आज लोकसभा में सत्र के दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ी भाषा को आठवीं अंकसूची में शामिल करने के लिए सदन में अपनी बात रखी.
उन्होंने अपने ही अंदाज में दोहे के साथ भाषा की महत्ता को बताते हुए अपना पक्ष रखा. श्री संतोष पाण्डेय ने कहा कि स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने छत्तीसगढ़ को अलग राज्य का दर्जा दिया. प्रदेश के विकास और उन्नति के लिए उन्होंने छत्तीसगढ़ को पूर्ण राज्य बनाते हुए वहां की जनता की मांग का सम्मान किया. 2014 में भाजपा की पूर्ण बहुमत सरकार और श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद इस प्रदेश ने और अधिक विकास किया. श्री मोदी जी ने अटल जी के स्वप्न को अपना स्वप्न मानकर प्रदेश की जनता के लिए अपना पूर्ण सहयोग किया है.उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी एक बहुत ही सरल और मधुर भाषा होने के साथ-साथ हिंदी भाषा का एक अंग भी है जिसे प्रदेश के लगभग 83 प्रतिशत लोग बोलते हैं.
स्वतंत्रता आन्दोलन हो या सामाजिक आन्दोलन इस मिट्टी में कई महापुरुष हुए जिनकी यह इच्छा थी की छत्तीसगढ़ी बोली को भाषा का दर्जा मिले. पंडित सुन्दरलाल शर्मा, मिनी माता और बैरिस्टर छेदी लाल जी की भी यही इच्छा थी. श्री संतोष पाण्डेय जी ने लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला जी को निवेदन करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल कर मेरे प्रदेशवासियों की आकाँक्षाओं को एक मूर्त रूप प्रदान करे!