कबीरधामः जन्म के बाद नवजात शिशु को जाति प्रमाण पत्र देने के फैसले पर अमल शुरू
शिशु गिताली सिन्हा को जन्म प्रमाण पत्र के साथ स्थाई जाति प्रमाण पत्र मिला
कलेक्टर ने जिला अस्पताल पहुंचकर शिशु की माता-पिता को स्थाई जाति प्रमाण पत्र दिया
कवर्धा- मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा प्रदेश में जनजात शिशु के जन्म के बाद उन्हे जन्म प्रमाण पत्र के साथ जाति प्रमाण पत्र बनाकर उनके माता-पिता को देने का निर्णय लिया गया है। कबीरधाम जिले में मुख्यमंत्री श्री बघेल के फैसले के अनुरूप शिशु को जन्म प्रमाण पत्र के साथ जाति प्रमाण पत्र देने पर अमल शुरू हो गया है। जिला अस्पताल में जन्म लेने वाली शिशु गिताली सिन्हा पहली नवजात शिशु है, जिन्हे इस योजना का सबसे पहले मिला है। कलेक्टर श्री अवनीश कुमार शरण ने आज जिला अस्पताल पहुंच कर जनजात शिशु मिताली सिन्हा की माता श्रीमती सुमन सिन्हा और पिता श्री रमन कुमार सिन्हा को जन्म प्रमाण पत्र के साथ पिता के जाति के आधार पर जाति प्रमाण पत्र बना कर उन्हे प्रदान किया गया।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जनजात शिशु की जन्म के बाद उन्हे जन्म प्रमाण पत्र के साथ स्थाई प्रमाण पत्र देने के लिए गए फैसले को पिता रमन कुमार सिन्हा ने जनहितैषी बताया है। उन्होने यह भी बताया कि उन्हे शासकीय संस्थानों पर भरोसा शुरू से रहा है। उनकी बेटी गिताली सिन्हा जिला अस्पताल में ही जन्म ली है। वह उनकी पहली पुत्री है। उन्होने बताया कि जचकी शासकीय जिला अस्पताल में कराने से राज्य शासन द्वारा शहरी क्षेत्र के निवासी होने की वजह से एक हजार रूपए शिशु की माता को प्रोत्साहन राशि भी मिली है। उन्होने बताया कि शिशु को जन्म उपरांत जन्म प्रमाण पत्र के साथ पिता की जाति के आधार पर निवास प्रमाण पत्र देने के फैसलें की जानकारी उन्हे अखबारों और टेलीविजन से मिली थी। इस जानकारी के आधार पर उनकी बेटी की जन्म होने के साथ ही स्थाई जाति प्रमाण पत्र के लिए कवर्धा तहसील कार्यालय में संपर्क किया। कवर्धा तहसीलदार श्री मनोज रावटे ने छत्तीगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी निर्देश और आवदेन करने की निर्धारित प्रारूप उपलब्ध कराया।
कलेक्टर श्री अवनीश कुमार शरण ने राज्य शासन द्वारा जनजात शिशु को जाति प्रमाण पत्र प्रदान करने वाले इस फैसले का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य जिला अधिकारी और सिविल सर्जन को निर्देश दिए है। उन्होने जिले के सभी शासकीय अस्पतालों में इस फैसले के संबंध में दीवार लेखन कराने और जाति प्रमाण पत्र के लिए राज्य शासन द्वारा जारी निर्धारित प्रारूप की कॉपी जनजात शिशु की माता-पिता को अस्पताल में ही उपब्ध कराने के निर्देश भी दिए है, ताकि छत्त्तीसगढ़ सरकार की इस फैसले का लाभ सभी माता-पिता को मिले। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी श्री कुंदन कुमार, एसडीएम श्री विपुल गुप्ता, सिविल सर्जन श्री एके गजभिए,कवर्धा तहसीलदार श्री मनोज रावटे और शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ सलिल मिश्रा विशेष रूप से उपस्थित थे।