कबीरधाम। नवदस्थ कलेक्टर जमनेजय महोबे ने सभाकक्ष में आज साप्ताहिक समय-सीमा की बैठक ली। बैठक में उन्होंने समय-सीमा के लंबित प्रकरणों के संबंध में अधिकारियों से वन-टू-वन जानकारी ली और रुके हुए मामलों को जल्द से जल्द निपटाने के निर्देश दिए।
लंबित आवेदनों की गहनता से करें समीक्षा –
वही उन्होंने मुख्यमंत्री जनचौपाल, कलेक्टर जनदर्शन, माननीय मंत्रियों से मिली लंबित आवेदनों की गहनता से समीक्षा की। कलेक्टर महोबे ने कहा कि जिले के सुदूर एवं दूरदराज के लोग बड़ी उम्मीद से अपनी मांग, शिकायत व समस्याओं से सबंधित आवेदन लेकर यहां आते है। जिले में मुख्यमंत्री जनचौपाल से मिले आवेदनों में लंबित प्रकरणों की संख्या अधिक है। वही, ज्यादातर आवेदन शिक्षा विभाग से लंबित है।
कलेक्टर महोबे ने कहा कि मुख्यमंत्री जनचौपाल, कलेक्टर जनदर्शन, माननीय मंत्रियों से प्राप्त आवेदनों की संबंधित विभाग पूरी संवेदनशीलता के साथ निराकरण करें और संबंधित विभाग निराकरण की दिशा में तेजी लाए और निराकरण की स्थिति से संबंधित आवेदनों को इसकी विधिवत सूचना भी दें।
बैठक में अपर कलेक्टर बीएस उईके, वनमंडाधिकारी चुड़ामणि सिंह, जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल, सभी एसडीएम, जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
योजनाओं की वन-टू-वन समीक्षा –
कलेक्टर जनमेजय महोबे ने बैठक में शासन जनकल्याणकारी व महत्वाकांक्षी सभी योजनाओं की वन-टू-वन समीक्षा करते हुए योजनाओं व कार्यक्रमों की प्रगति की जानकारी लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कलेक्टर ने छत्तीसगढ़ सरकार के निर्देश के बाद चिटफंड कंपनियों के जाल में फंस कर अपनी गाढ़ी कमाई लुटा चुके लोगों को उनके रुपए वापस कराने की कवायद की कार्यवाही एवं प्रगति की समीक्षा की।
सभी चिंटफंट कंपनियों की संपत्तियों की गहनता से करें जांच –
वही, कलेक्टर महोबे ने जिले के पूर्व में कार्यरत सभी चिंटफंट कंपनियों की संपत्तियों की गहनता से जांच करने के फिर निर्देश दिए। बैठक में अपर कलेक्टर बीएस उइके ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देश के बाद चिंटफंट के प्रलोभन के शिकार हो चुके लोगों के धन वापसी के लिए आवेदन लेने से लेकर कंपनीवार सभी आवेदनों की स्कुटनी कर ली गई है।
इस संबंध में जिले में 32 हजार आवेदन प्राप्त हुए, जिनके द्वारा लगभग 70 करोड़ निवेश करने की जानकारी मिली है। जिले में 181 चिटफंट कंपनियां काम कर रही थी। सभी दस्तावेजों की जांच की जा रही है। जांच में अभी तीन चिटफंट कंपनियों की संपत्ति कबीरधाम जिले में पाया गया है। एक चिंटफंट कंपनी की संपत्ति की कुर्की की कवर्धा तहसील में कार्यवाही भी चल रही है।
अनुविभागीय अधिकारियों की कार्यवाही में तेजी लाने निर्देश –
कलेक्टर महोबे ने इस संबंध में सभी अनुविभागीय अधिकारियों की कार्यवाही में तेजी लाने के निर्देश दिए है। कलेक्टर ने बैठक में मुख्यमंत्री हाट-बाजार की समीक्षा करते हुए जिले में चिन्हांकित 84 हाट-बाजारों की संख्या और बढ़ाने के निर्देश दिए है। कलेक्टर ने जिले के आदिवासी बैगा बाहुल्य बोड़ला और पंडरिया विकासखण्ड के सूदूर वनांचल ग्रामों को मुख्यमंत्री हाट-बाजार से जोड़ते हुए उन क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर जांच कराने निर्देश दिए। कलेक्टर ने मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत जिले मे चल रही कार्यक्रमों की जानकारी लेते हुए आंगनबाड़ी केन्द्रों में गरम पका भोजन को विशेष रूप से फोकस करने के निर्देश दिए।
सी-मार्ट का संचालन शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश –
बैठक में उन्होंने सी-मार्ट के संचालन के लिए की जा रही कार्यों के संबंध में जानकारी प्राप्त की और सी-मार्ट का संचालन शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश दिए, ताकि राज्य शासन के विभिन्न विभागों की योजनाओं के अंतर्गत संचालित महिला स्व-सहायता समूहों, शिल्पियों, बुनकरों, दस्तकारों, कुंभकारों अथवा अन्य पारम्परिक एवं कुटीर उद्योगों द्वारा निर्मित उत्पादों का समुचित मूल्य सुनिश्चित और व्यावसायिक ढंग से मार्केटिंग किया जा सके, जिससे उक्त सभी वर्गों के उद्यमियों को अधिकतम लाभ प्राप्त हो।
इन साल एक लाख विभागीय पौधा रोपण –
कलेक्टर ने राज्य शासन के निर्देश पर जिले में होने वाले वृहद पौधारोपण की संबंध में जानकारी लेते हुए शिक्षा, स्वास्थ्य, आंगनबाड़ी, आदिम जाति विकास एवं अन्य विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। वनमण्डलाअधिकारी ने बताया कि जिले में इस वर्ष एक लाख विभागीय पौधा रोपण किया जाएगा। हरितप्रसार के तहत 5 लाख पौधे रोपण किए जाएंगे। साथ ही 7 पौधे जिले के किसानों, स्वयंसेवी संस्थानों, संगठनों को निःशुल्क वितरण करने के लक्ष्य रखा गया है।
समय-सीमा में नियमित रूप से समीक्षा करें –
कलेक्टर ने समय-सीमा बैठक में गोधन न्याय योजना, रूलर इंडस्ट्रीज पार्क, सुराजी गांव योजना, स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल, आबादी चारागाह, बाड़ी विकास योजना, हॉट बाजार योजना, स्लम स्वास्थ्य योजना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, धनवंतरी, मुख्यमंत्री सुपोषण योजना, चिटफंड, वृक्षारोपण, कौशल विकास योजना, मनरेगा, जल जीवन मिशन, स्वच्छ भारत मिशन, स्वच्छ शहर, राजीव गांधी न्याय योजना, धान के बदले अन्य फसल, जन जन तक स्वास्थ्य सुविधा, जिला अस्पताल, राजस्व संबंधी-नामांतरण, बंटवारा, नजूल भूमि आबादी के संबंध में समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों के सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में प्रगति लाने निर्देश दिए। कलेक्टर ने बताया शासन की सभी महत्वकांक्षी योजनाओं की समय-सीमा में नियमित रूप से समीक्षा की जाएगी। संबंधित विभाग के अधिकारी अपनी पूरी जानकारी के साथ बैठक में आए।