कबीरधाम जिले में पंजीकृत परिवारों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ रोजगार देने का काम शुरू, 61 हजार परिवारों को मिल रहा रोजगार
Ashok Sahu
पहाड़ी क्षेत्र से लेकर मैदानी क्षेत्र के ग्राम पंचायतों के लिए निर्माण कार्य स्वीकृत जिसे ग्रामीणों की मांग पर तत्काल शुरू किया जा रहा है
कवर्धा- नोवेल कोरोना वायरस के बचाव के लिए जारी लाॅकडाउन के बीच कबीरधाम जिले में महात्मागांधी राष्ट्रीय रोजगार गांरटी योजना के तहत पंजीकृत परिवारों के लिए बड़े पैमाने पर उनके लिए रोजगार के द्वार खोल दिए गए है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने निर्देश पर जिले में स्वीकृत रोजगार मूलक कार्यों को सोशल डिस्टेंस ( शारीरिक दूरी) के साथ पंजीकृत परिवारों को रोजगार मुहैया कराई जा रही है। कलेक्टर श्री अवनीश कुमार शरण ने बताया कि जिले के आदिवासी बाहूल विकासखण्ड बोडला, पंडरिया और मैदानी जनपद पंचायत कवर्धा और सहसपुर लोहारा में स्वीकृत 1024 अलग-अलग विभिन्न प्रकार के रोजगार और मूलक कार्य चल रहे जिसमें 61 हजार पंजीकृत श्रमिकों केा रोजगार देने का काम शुरू कर दिया गया है। जिले में पंजीकृत परिवारों को स्थानीय स्तर पर रोजगार देने का काम शुरू कर दिया गया है। कलेक्टर ने सभी जनपद पंचायत सीईओ को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि रोजगार मूलक कार्यों में पंजीकृत परिवारों की सहभागिता सुनिश्चित करते हुए सोशल डिस्टेंस (शारीरिक दूरी) के साथ रोजगार मूलक कार्य संपादित किया जाए।
नोवेल कोरोना वायरस के महामारी से बचाव का ध्यान रखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ग्रामीण महात्मा गांधी नरेगा के विभिन्न निर्माण कार्यो में लगे है। वर्तमान में रोजगार गारंटी योजना के तहत कबीरधाम जिले मे 61 हजार पंजीकृत मजदूर कार्य कर रहें है। कबीरधाम जिले में लाॅकडाउनक के दौरान पंजीकृत परिवारांें को व्यापक तौर पर रोजगार देने का काम शुरू हो गया है। जनपद पंचायत कवर्धा क्षेत्र में 221 कार्य चल रहें है जिसमे 12 239 श्रमिक कार्यरत है। इसी तरह जनपद पंचायत बोड़ला अंतर्गत 532 कार्यो में 17535 मजदूर कार्य कर रहें है। जनपद पंचायत स.लोहारा के अंतर्गत 189 निर्माण कार्यो में 13376 मजदूर कार्य कर रहें है तथा जनपद पंचायत पण्डरिया के 283 निर्माण कार्यों में 17748 मजदूर कार्यरत है। इस तरह जिले में कुल स्वीकृत कार्य के विरूद्ध 1225 कार्य चल रहें है जिसमें 61 हजार से अधिक मजदूरों को रोजगार का अवसर मिल गया है।
पहाड़ी क्षेत्र से लेकर मैदानी क्षेत्रों तक ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों को कार्य देने के उपदेश से बहुत से निर्माण कार्यो की स्वीकृति पूर्व से ही किया जा चुका था। अब तक 7,017 कार्य स्वीकृत किए जा चुके है जिसमें से जनपद पंचायत कवर्धा क्षेत्र के लिए 806 कार्य, जनपद पंचायत बोड़ला क्षेत्र के लिए 2524 कार्य, जनपद पंचायत स.लोहारा के लिए 1251 कार्य एवं जनपद पंचायत पण्डरिया क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों हेतु 2436 कार्य स्वीकृत है। जिसकी कुल लागत राशि 13846.090 (लाख) रूपये है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कबीरधाम श्री विजय दयाराम के. ने बताया कि जिले के 468 ग्राम पंचायतों हेतु निर्माण कार्य स्वीकृत है। मजदूरों कि मांग अनुसार निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा रहा है। मैदानी अमलों को सक्त निर्देश दिये गये है कि निर्माण कार्यो के दौरान किसी भी स्थिति में एक ही स्थान पर लोंगों का जमावड़ा न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए तथा सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए कार्य संपादित किया जाए। श्री विजय दयाराम के. ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि राज्य शासन द्वारा मनरेगा के कार्यो को सावधानी पूर्वक कराते हुए रोजगार का अवसर उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किये गये है जिसके परिपालन में योजना से जुड़े सभी मैदानी अमले कोरोना महामारी से बचाव का उपाय करते हुए कार्य कर रहें है। प्रत्येक निर्माण कार्य के स्थल पर हैण्ड वाश रख कर लोगों के हाथों को 20 सेकण्ड तक अच्छे से धोने के लिए ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव एवं ग्राम रोजगार सहायक को निर्देश दिये गए है। प्रतिदिन निर्माण कार्यो में मजदूरों कि संख्या धीरे-धीरे बढ़ रहीं है। जिसके आधार पर कार्यो में तेजी आ रहीं है। जल संरक्षण, सिंचाई विस्तार, जल संचय के कार्यो को प्राथमिकता से कराया जाना है। इसके तहत सिंचाई कूप, व्यक्तिमूलक एवं सामुदायिक चेक डैम, डबरी निर्माण जैसे कार्य शामिल है।
ज्ञात हो कि कोविड-19 के महामारी से निपटने हेतु शासन, प्रशासन द्वारा लाॅकडाउन किया गया है, जिसके कारण निर्माण कार्य प्रभावित हुए थे। रोजगार गारंटी योजना का कार्य अब प्रारंभ होने लगा है जिससे पंजीकृत ग्रामीण मजदूरों को फायदा होगा क्योंकि निर्माण कार्य से मिलने वाली मजदूरी उनकी दैनिक आवश्यकता कि पूर्ति करेगी। जिला पंचायत कबीरधाम द्वारा योजना से जुड़े सभी निर्माण एजेंसीयों को सक्त हिदायत दिये गए है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए निर्माण कार्य कराया जाए तथा किसी भी स्थिति में एक ही स्थान पर ग्रामीणों को एकत्रित न होने दिया जाए।