कबीरधाम

कबीरधाम जिले में नरूवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी के संरक्षण और संवर्धन पर क्रियान्वयन शुरू

बिरकोना में बनेगा कबीरधाम जिला का पहला मॉडल गौठान और बाड़ी

कवर्धा- कबीरधाम जिले में प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में शामिल छत्तीसगढ़ की चार चिन्हारी नरूवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में कार्य योजना शुरू हो गई है। ग्रामीण परिवेश पर आधारित ग्रामीण जीवन को समृद्ध, सशक्त और आर्थिक उन्नति की दिशा में मजबूत बनाने वाली इस समन्वित कार्य योजना के लिए बिरकोना ग्राम पंचायत को चुना गया है। रूर्बन कलस्टर ग्राम पंचायत बिरकोना ग्राम पंचायत में नरूवा, गरवा, घुरूवा और बाड़ी के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में मॉडल रूप में विकसित किया जाएगा। बिरकोना से सटे मुरकरी नाला को नरव के रूप में पुर्नजीवित करने के लिए चिन्हांकित किया गया है। यह नाला ग्राम हिरापुर से देवधारा 7 किलोमीटर तक प्रवाहित होती है। नरवा के मुहाने तक पुर्नजीवित करने के लिए कार्ययोजना में शामिल किया गया है। जिले में इसके अलावा प्राथमिक चरण में 50 ग्राम पंचायतों में नरूवा, गरवा, घुरूवा और बाड़ी को अत्याधुनिक दिशा में विकसित करने की कार्ययोजना पर काम शुरू हो गई है। 50 ग्राम पंचायतों में कवर्धा जनपद पंचायत में 10, आदिवासी बाहूल्य बोडला जनपद में 15, लोहारा में 10 और पंडरिया में 15 ग्राम पंचायत शामिल है। कलेक्टर श्री अवनीश कुमार शरण और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री कुंदन कुमार की उपस्थिति में आज मंगलवार को ग्राम पंचायत बिरकोना में नरूवा, गरवा, घुरूवा और बाड़ी की पुर्नजीवित करने की दिशा में ग्राम चौपाल कार्यक्रम आयोजित की गई। ग्राम चौपाल में किसान, ग्रामीणजन एवं महिला स्वसहायता समूह की महिलाए उपस्थित थी।
कलेक्टर श्री शरण ने ग्राम चौपाल कार्यक्रम में किसानों, ग्रामीणजन और महिला स्वसहायता समूह की महिलाओं को प्रोत्साहित करते हुए कि ग्रामीण परिवेश पर आधारित ग्रामीण जनसामान्य को आर्थिक रूप में मजबूत बनाने के लिए नरूवा, गरवा, घुरूवा और बाड़ी को अत्याधुनिक रूप में विकसित किया जाएगा। यह मुख्यमंत्री के प्राथमिकता में शामिल भी है। उन्होने कहा कि नरूवा, गरवा, घुरूवा और बाड़ी किसानों और ग्रामीणजनों के लिए नया नाम नहीं है,लेकिन जब इस चारों को नए रूप में विकसित किया जाएगा तो वह ग्रमीण जीवन को आर्थिक रूप से आधार देने वाला होगा। उन्होने कहा कि कहा कि छत्तीसगढ में गौ वंशी तथा मवेशियों को गरवा के नाम से संबोधित किया जाता है। गरवा पुशधन के रूप में भी जाना जाना जाता है और इस पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए ग्राम स्तर पर गौठान,चारागाह और पशुधन के समुचित मूलभूत सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए विकासित करने की कार्य योजना है। जिला पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी श्री कुंदन कुमार ने कहा कि नरूवा, गरवा, घुरूवा और बाड़ी शासन की मंहती येजना है। गांव के सर्वागीण विकास के लिए यह योजना शासन स्तर से बनाई गई है। बिरकोना ग्राम पंचायत में जिला पहला मॉडल रूप में नरूवा, गरवा, घुरूवा और बाड़ी को विकसित करने के लिए चिन्हांकित किया गया है। उन्होने कहा कि इस योजना का सही-सही क्रियान्वयन किसानो, ग्रामीण और महिलाओं की सहभागिता से ही सुनिश्चित हो सकेगी। ग्राम चौपाल कार्यक्रम में पशुधन विकास विभाग,जल संसाधन विभाग,कृषि विभाग और मनरेगा के अधिकारियों अपने-अपने विभागों से संबंधित कार्ययोजनाओं पर विस्तार से ग्रामीणों को जानकारी दी।

क्या है नरूवा, गरवा, गुरूवा और बाड़ी कार्ययोजना

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 26 जनवरी को अपने संदेश में कहा था कि हमें अहसास है कि किसानों की आर्थिंक स्थिति में सुधार के लिए स्थाई व्यवस्था करनी पड़ेगी और ऐसी योजनाएं पड़ेगीं,जिसके दूरगामी परिणाम मिलें। इसलिए गांवां के विकास के लिए वहां उपब्ध संसाधनों के वैल्यू एडीशन की नीति अपनाने का संकल्प लिया है और नारा दिया है – छत्त्ीसगढ़ के चार चिन्हारी,नरवा,गरूवा,घुरूवा बाड़ी ऐला बचाना हे संगवारी। नालों में बहकर बर्बाद होते पानी को रोकने, पशुधन के संरक्षण एवं संवर्धन ,उनके मिलने वाली उत्पादों के उपयोग,जैविक खाद बनाने, इपने ईधन की व्यवस्था गांव में करने तथा बाड़ी के माध्यम से उद्यानिकीय विकास की विस्तृत कार्य योजना बनाने की बात कही गई थी। जिससे गांवों में स्वालंबन की नई सुबह होगी। इस क्रम में ग्राम पंचायतों में गायों के आश्रम तथा चारागाह की व्यवस्था करने के लिए निर्देश दिए गए है। ग्राम सभाओं के माध्यम से इसके लिए जमीन सुरक्षित की जा रही है। इस कार्य में मनरेगा का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए भी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। इस प्रकार यह केवल नारा नहीं बल्कि गांवों की समृ़द्ध का सुनिश्चित रास्ता होगा।

 

cgnewstime

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!