मेंटर-मेंटी स्कीम से एसईसीएल प्रबंधन कर रहा युवा अधिकारियों से सीधा संवाद, युवा अधिकारी सीख रहे हैं प्रबंधन के गुर
रिपोर्टर@सुशील तिवारी
एसईसीएल में मेंटर-मेंटी की अभिनव पहल की शुरुआत की गई है। जिसकी शीर्ष प्रबंधन के सभी अधिकारियों ने सराहना किया है।
एसईसीएल सीएमडी डॉ प्रेम सागर मिश्रा के मार्गदर्शन में मेंटर-मेंटी प्रोग्राम का स्वागत सभी ने किया इसके तहत एसईसीएल के युवा अधिकारियों को शीर्ष प्रबंधन से सीधा संवाद करने का अवसर मिल रहा है। प्रोग्राम के तहत सीएमडी डॉ प्रेम सागर मिश्रा, निदेशकगण एवं सीवीओ द्वारा मैनेजमेंट ट्रेनी से लेकर वरीय प्रबन्धक तक के अधिकारियों के साथ संवाद सत्र (Interactive session) का आयोजन किया जा रहा है।
इन सत्रों में शीर्ष प्रबंधन द्वारा युवा अधिकारियों से उनके कार्यानुभव एवं कार्यस्थल पर आ रही चुनौतियों के बारे जाना जा रहा है। इसके साथ ही प्रबंधन द्वारा भी कोयला उद्योग में काम करने का अपने अनेक वर्षों के अनुभव को भी युवा कर्मियों के साथ साझा किया जा रहा है जिससे उन्हें काफी-कुछ नया सीखने को मिल रहा है। यह प्रोग्राम कर्मियों एवं शीर्ष प्रबंधन के बीच 360 डिग्री कम्युनिकेशन एवं फीडबैक स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
प्रोग्राम के तहत क्रॉस-डिसिप्लिन लर्निंग को भी बढ़ावा दिया जा रहा है साथ ही प्रतिभागियों को फील्ड विजिट के जरिये कंपनी के कार्यसंचालन को और नजदीकी से देखने का अनुभव मिल रहा है। उदाहरण के लिए प्रतिभागियों को खदान में ले जाकर खनन से जुड़ी गतिविधियों के बारे में बताया जा रहा है एवं कंपनी के संचालन क्षेत्रों किए जा रहे द्वारा सीएसआर कार्यों के लाभार्थियों से मिलकर वे कंपनी की समाज कल्याणकारी गतिविधियों को बेहतर तरीके से समझ पा रहे हैं।
मेंटर-मेंटी प्रोग्राम में भाग ले रहे सीएसआर विभाग में कार्यरत उप-प्रबन्धक श्री संपत गेलम ने कहा कि मेंटर-मेंटी प्रोग्राम हमें शीर्ष प्रबंधन से सीधा संवाद करने का बहुमूल्य अवसर प्रदान कर रहा है और यह कार्यस्थल से जुड़े अनुभव एवं चुनौतियों को साझा करने का अच्छा प्लेटफॉर्म है। विभिन्न विभागों में कार्यरत हमारे साथी अधिकारियों से परस्पर चर्चा से हमारे बीच टीमवर्क की भावना को भी बल मिल रहा है।
मेंटर-मेंटी प्रोग्राम में एसईसीएल के विभिन्न विभागों के लगभग 120 अधिकारी भाग ले रहे हैं जिसमें माइनिंग, उत्खनन, सीएमसी, कार्मिक, वित्त, सीएसआर, पर्यावरण, कल्याण, औद्योगिक संबंध, आदि विभाग शामिल हैं।
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