18 वर्ष के कम उम्र के बच्चों को तम्बाखू,नशा समाग्री उपलब्ध कराने वालो के लिए कठोर सजा का प्रावधान
भीक्षावृत्ति,बाल श्रमिक और नशे में लिप्त बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में लाने के लिए चलेगा बड़ा अभियान
भीक्षावृत्ति,बाल श्रमिक और नशामुक्ति अभियान होंगे तेज
18 वर्ष के कम उम्र के बच्चों को तम्बाखू,नशा समाग्री उपलब्ध कराने वालो के लिए कठोर सजा का प्रावधान
भीक्षावृत्ति को बढ़ावा देने वाले वास्तविक प्रभार एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को देंगे समझाईश
कवर्धा- कबीरधाम जिले में भीक्षावृत्ति, बाल श्रमिक और नशे में लिप्त बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा में लाने के लिए विशेष जोर दिया जा रहा है। भीक्षा वृत्ति, बाल श्रमिक और नशे में लिप्त बच्चों को शिक्षा के मुख्यधारा में लाने के लिए जिले के कवर्धा, सहसपुर लोहारा, बैगा एवं आदिवासी बाहूल विकासखण्ड मुख्यालय बोड़ला और पंडरिया सहित जिले के सभी नगरीय निकाय मुख्यालयों में विशेष अभियान चलाएं जाएगे। इसके अलावा बाल श्रमिकों को बढ़ावा देने वाले व्यवयायिक प्रतिष्ठानों, बच्चों में नशा को बढ़ावा देने के लिए 18 वर्ष के कम उम्र के बच्चों को नशा समाग्री बेचने वाले व्यवसायिक प्रतिष्ठान, दवाई दुकान, पान दुकानों में अभियान के तहत कार्यवाही की जाएगी। इसके अलावा भीक्षावृत्ति को बढ़ावा देने वाले उनके वास्तविक प्रभार उन व्यवयायिक प्रतिष्ठानों को संचालकों को भी समझाईश दी जाएगी, जिससे भिक्षावृत्ति को बढ़ा मिल रही है। समझाईश के बाद भी अगर उन व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के आसपास इस तरह की गतिविधियां संचालित होगी, तो उनके विरूद्ध भी विधि म्मत कार्यवाही की जाएगी। बालगृह के बच्चों को प्रत्येक माह के 5 तारीख को मेडिकल अफसर की उपस्थित में स्वास्थ्य परीक्षण कराएं जाएंगे।
कलेक्टर श्री अवनीश कुमार शरण ने जिला कार्यालय में आयोजित जिला बाल संरक्षण समिति, जिला स्तरीय सलाहकार सह निरीक्षण समिति की बैठक में भीक्षावृत्ति, बाल श्रमिक और नशे में लिप्त बच्चों को शिक्षा के मुख्यधारा में लाने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश जिला बाल संरक्षण अधिकारी को दिए। कलेक्टर श्री शरण ने इस अभियान के लिए संबंधित विकासखण्ड मुख्यालयों और नगरीय निकायों के लिए तीन विभागों की संयुक्त टीम बनाने के लिए भी निर्देश दिए। इस टीम में संबंधित पालिका अधिकारी के अमले, पुलिस विभाग के अमले और जिला बाल संरक्षण समिति, चाईल्ड लाईन की अमले शामिल किए जाएंगे। कलेक्टर ने नशें और भीक्षा में लिप्त बच्च्चों को विशेष फोकस करने के लिए कहा है। इसके लिए कवर्धा पालिका क्षेत्र में विशेष बड़े अभियान चलाने की जरूरत है। कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि नशे और भीक्षावृत्ति में लिप्त जिन बच्चों को शिक्षा के मुख्यधारा में लाने के लिए स्कूल दाखिला कराया गया था, उन बच्चों की मॉनिटरिंग की जाए। ऐसे बच्चों वर्तमान में स्कूल नियमित जा रहे है अथवा नहीं इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए। कलेक्टर श्री शरण कहा कि स्कुल में दाखिले के बाद भी ऐसे बच्चें स्कुलों में अनुपस्थित पाएं जाएंगे तो उन बच्चों को सीधे आश्रम, छात्रावास में दाखिले की कराने की कार्यवाही सुनिश्चित करें। उन्होने बालगृह के बच्चों को प्रत्येक माह के 5 तारीख को मेडिकल ऑफिसर की उपस्थित में स्वास्थ्य परीक्षण कराने के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए। कलेक्टर ने बैठक में एकीकृत बाल संरक्षण योजना अंतर्गत संचालित शासकीय बाल गृह, दत्तक ग्रहण अभिकरण, जिला जेल निरीक्षण, बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड, बाल कल्याण समिति के प्रकरण, ट्रैक द मिसिंग चाईल्ड पोर्टल एवं केयरिंग, विशेष किशोर पुलिस ईकाई, क्रेडल व वेवी रिसेप्शन सेंटर, बाल विवाह, चाइल्ड लाईन पर गहन समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश गए।
बैठक में बताया कि कवर्धा नगरीय निकाय क्षेत्र के अंतर्गत बस स्टेण्ड, नवीन बाजार के आसपास भीक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों अधिक दिखाई देते है। वे बच्चों अपने माता या इस वृत्ति को बढ़ावा देने वाले भी साथ में रहते है। इसी तरह ट्रांसपोर्ट नगर, सरदार वल्लभ भाई पटेल व्यवसायिक परिसर, दर्रीपारा, नवीन बाजार और सुधा वाटिका के आसपास ऐसे बच्चों की उपस्थित ज्यादा दिखाई देती है, जो नशें में लिप्त है। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री कुंदन कुमार, महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रभारी अधिकरी एवं डिप्टी कलेक्टर श्री अनिल सिदार और अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।
किशोर न्याय , बालकों की देखरेख और संरक्षण अधिनियम 2015
चाईल्ड लाईन केन्द्र समन्वयक चन्द्रकांत ने बैठक में बताया गया कि किशोर न्याय, बालकों की देखरेख और संरक्षण, अधिनियम 2015 के तहत कोई भी व्यक्ति बिना किसी अधिकृत चिकित्सकों के आदेश पर सार्वजनिक स्थान पर बच्चों को नशीली दवाई, शराब, नशीले पदार्थ, मादक औषधियां या तम्बाकू उत्पाद देता है या दिलवाता है, तो उसे अधिकतम सात वर्ष की सजा तथा एक लाख रूपए की जुर्माने का प्रावधान है। इसी तरह जो व्यक्ति भीख मांगने के प्रयोजनार्थ किसी बालक का प्रयोग करता है अथवा किसी बालक से भीख मंगवाता है, ऐसे में पांच साल की कारावास की सजा का प्रावधान है तथा एक लाख रूपए का दण्डनीय होगा। उन्होने बताया कि लोगों में जागरूकता लाने के लिए जिले में अभियान संचालित की जा रही है।