बेमेरता/देवरबीजा/सलधा। परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य जी स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती ‘1008’ दिन शनिवार महाशिवरात्रि पर्व को शंकराचार्य आश्रम में प्रातः दर्शन पूजा दीक्षा पश्चात निर्माणाधीन सवा लाख शिवलिंग (लक्षेश्वर सपाद धाम) पहुंचे, निर्माणाधीन इमारत का निरीक्षण कर परिसर पर ही महारुद्राभिषेक किए।
शंकराचार्य के मीडिया प्रभारी ने बताया –
शंकराचार्य के मीडिया प्रभारी अशोक साहू ने बताया सुबह से ही दूर-दूर से श्रद्धालुओं और भक्तों का सपाद/सलधा में आगमन प्रारम्भ हो गया था, जहाँ श्रद्धालुओं ने पूज्यगुरुदेव शंकराचार्य जी भगवान के दर्शन किए। वही, पूजा स्थल में पहुंच पूजा पूर्व अपने-अपने आसन ग्रहण कर रुद्राभिषेक पूजा की तैयारियों में लगे रहें। भक्तों के शिवरात्रि होने की वजह से आज का दिन तो खास हैं, लेकिन शंकराचार्य जी के दर्शन से उनका दिन और भी महत्वपूर्ण बन गया।
लक्षेश्वर धाम प्रबंधक ने बताया –
बता दे कि दोप. 1 बजे शंकराचार्य जी महाराज का लक्षेश्वर धाम आगमन हुआ व भवन निरीक्षण पश्चात महारुद्राभिषेक प्रारम्भ किया। लक्षेश्वर धाम प्रबंधक ब्रह्मचारी ज्योतिर्मयानंद जी महाराज ने बताया आज महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर दूर-दूर से श्रद्धालु पहुँचे है जिन्होंने अपने या अपने परिजनों या पितरो के नाम से शिवलींग स्थापित करने के अपना अंश दान किया हैं।
श्रद्धालुओं की भीड़ आज यहां और अधिक इसलिए थी कि साक्षात शिव स्वरूप शंकराचार्य भगवान के दर्शन व उनके सानिध्य में महारुद्राभिषेक करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। किसी जन्म में अच्छे कार्य किए होने से ऐसा अवसर प्राप्त होता हैं।
मंदिर समिति की रही अहम भूमिका –
वहीं, मंदिर समितियो द्वारा महारुद्राभिषेक पूजा में उपयोग होने वाली सभी सामग्री समिति के तरफ से उपलब्ध कराया गया। समिति के कार्यकर्ताओं द्वारा लगातार घूमकर के जिन श्रद्धालुओं के बाल्टी में जल कम होते देखा, उन्हें जल तुरंत जल उपलब्ध करा देते, ताकि आस्था व पूजा में किसी भी प्रकार का विघ्न न हो। मंदिर समितियों द्वारा महारुद्राभिषेक पश्चात महाभण्डार में पहुंच भोग प्रसाद ग्रहण किया गया।
शंकराचार्य द्वारा श्री शिवपुराण कथा का वाचन, तिथि की हुई घोषणा –
शंकराचार्य महाराज के इक्षा अनुरूप छत्तीसगढ़ में प्रथम श्रीगणेश पुराण बलौदाबाजार जिला के पलारी नगर में हुआ है। दूसरा श्रीशिव पुराण 13 अप्रैल से 20 अप्रैल लक्षेश्वर धाम सपाद में होना है, जिसका घोषणा आज मंच के माध्यम से मंदिर प्रबन्धक ब्रह्मचारी ज्योतिर्मयानंद ने किया। वही उन्होंने कहा दूर दूर से आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए ठहरने व भोजन की भी व्यवस्था रहेगी।
इनकी रही उपस्थिति –
इस अवसर पर आशिष छाबड़ा विधायक बेमेतरा, चन्द्रप्रकाश उपाध्याय विशेष कार्याधिकारी ज्योतिषपीठ, धर्मालंकार डॉ पवन कुमार मिश्र, ब्रह्मचारी श्रवनानन्द, आचार्य राजेन्द्र शास्त्री, ब्रह्मचारी ज्योतिर्मयानंद, रवि शास्त्री, कीर्तन शुक्ला, नीलकंठ चन्द्रवंशी, मोतीराम चन्द्रवंशी, योगेश तिवारी, अवदेश चंदेल, रघुराज सिंह ठाकुर, विकाश आर्य सहित हज़ारो की संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित रहे।