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बड़ी खबर : छत्तीसगढ़ में ही क्यों हुई धर्मसभा ? जानिए वजह …

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में धर्म सभा का आयोजन किया गया था। देशभर से आए संत अब रायपुर से लौट रहे हैं। इस धर्म सभा के दौरान संतों ने हिंदुओं को शस्त्र रखने, जो ईसाई या मुसलमान धर्म को कबूल चुके हैं उन्हें वापस हिंदू धर्म में लाने, भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने का संकल्प लिया गया।

धर्म सभा के दौरान संत किन बातों पर जोर देते दिखाई दिए

मंच पर छत्तीसगढ़ के ही संत राजीव लोचन दास जी महाराज ने कहा कि हिंदुओं को अपने तन में शस्त्र रखना चाहिए और मन में शास्त्र। तभी वह हिंदू है और यदि ऐसे हिंदू होंगे तो हिंदू राष्ट्र अपने आप घोषित हो जाएगा। हमारे भगवान हमेशा शस्त्र के साथ दिखाई देते हैं । मगर हिंदुओं ने शस्त्र रखना छोड़ दिया अब उनके पास 2 लाख का मोबाइल फोन होता है, रास्ते में अगर कोई कुत्ता भी घेर ले तो क्या 2 लाख का मोबाइल काम आएगा। अपने साथ एक डंडा तो रख ही सकते हैं, अपनी आत्मरक्षा के लिए यह अधिकार हमें हमारा संविधान भी देता है।

बताया छत्तीसगढ़ में ही क्यों हुई धर्मसभा ? –

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि रायपुर में धर्म सभा करने वाले संत भाजपा समर्थित हैं, उन्हें रायपुर में नहीं दिल्ली में जाकर हिंदू राष्ट्र की मांग करनी चाहिए। इस बात पर पलटवार करते हुए अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रनंद सरस्वती ने कहा कि छत्तीसगढ़ में चर्च की वजह से आतंकवाद बढ़ रहा है, छत्तीसगढ़ के सर्वाधिक जिले नक्सलवाद से प्रभावित हैं इसी वजह से इस धरती पर इस धर्म सभा का आयोजन किया जाना जरूरी था।

कार्यक्रम छोड़ कर चले गए महंत रामसुंदर –

जितेंद्रानंद सरस्वती ने प्रदेश में बढ़ते धर्मांतरण का दावा किया, उन्होंने इशारों इशारों में आपातकाल लगाने वाले पार्टी को भी घेरा। धर्म सभा में कांग्रेस और बिना नाम लिए कांग्रेस नेताओं के खिलाफ बातें कहीं । इस दौरान मंच पर छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास मौजूद थे। वह कुछ देर कार्यक्रम में मौजूद रहे, सभी संतो की बात सुनते रहे। मगर किसी पर प्रतिक्रिया नहीं दी । कुछ देर बाद जब हम मंच से हिंदू राष्ट्र, शस्त्र रखने जैसी बातें बढ़ने लगी तो वह बीच कार्यक्रम छोड़ कर चुपचाप निकल गए।

कुछ परिवारों को हिंदू बनाया गया –

रायपुर और आस-पास के रहने वाले ही कुछ परिवार के 11 सदस्य धर्म सभा के मंच पर नजर आए । विश्व हिंदू परिषद के नेताआें ने कहा- कुछ समय पहले यह सभी ईसाई धर्म को मानने लगे थे, कार्यक्रम में इन्हें मंत्रोच्चार के बीच फिर से हिंदू धर्म में वापसी कराई गई।

धर्म बदल चुके लाेगों को हिंदू बनाने का संकल्प

कार्यक्रम में स्वामी परमात्मानंद ने एक संकल्प दिलाया । उन्होंने लोगों से कहलवाया कि भारत हिंदू राष्ट्र बने, धर्मांतरण रोकने का संकल्प दिलाते हुए उन्होंने मंच से नीचे मौजूद लोगों से बुलवाया कि जो लोग इसाई या मुस्लिम धर्म को अपना चुके हैं ऐसे लोगों को हम फिर से हिंदू बनाएंगे किसी भी व्यक्ति को हिंदू लोगों का धर्म बदलने नहीं देंगे।

आदिवासी हिंदू हैं –

कार्यक्रम में स्वामी परमात्मानंद ने बताया कि कार्यक्रम में प्रदेश के आदिवासी बाहुल इलाकों से बैगा, जनजाति से ताल्लुक रखने वाले साधु भी पहुंचे हैं, जो जंगल में रहकर अपने धर्म के प्रति जागरण का काम करते हैं। यह सभी आदिवासी हैं और यह उन लोगों पर तमाचा है जो कहते हैं कि आदिवासी हिंदू नहीं ।

ये था कार्यक्रम का मकसद

इस कार्यक्रम का मकसद सनातनियों के बीच ‘संगत एवं पंगत’ (सत्संग एवं साथ बैठकर भोजन) के माध्यम से एकात्म-एकरस संगठित हिन्दू समाज प्रकटीकरण कर, हिन्दूभव (स्वाभिभान) जागृत करना है। समाज में बढ़ती हुई विषमता, भेदभाव, जनसंख्या असंतुलन, धर्मान्तरण, गौवंश हत्या एवं तस्करी, भूमि, लव एवं अन्य जिहाद, धार्मिक एवं सांस्कृतिक आक्रमण जैसी समस्याओं के समाधान एवं जागरण तथा हिन्दूराष्ट्र स्थापना हेतु संतों के नेतृत्व में पद यात्रा चल रही है। इसके आयोजन से अखिल भारतीय संत समिति (छत्तीसगढ़), सकल सनातन हिन्दू समाज (छत्तीसगढ़), विश्व हिन्दू परिषद्, बजरंग दाल (छत्तीसगढ़) जुड़ी है।

Ashok Kumar Sahu

Editor, cgnewstime.com

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