रायपुर। नगरीय प्रशासन विभाग ने सभी निकायों को पत्र भेजा है। एनजीटी ने सरकार को रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम की जांच कराने के आदेश दिए हैं। नगरीय निकायों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के क्रियाशील न होने पर भू-जल दूषित हो रहे हैं, और एनजीटी ने इस पर चिंता जताई है। एनजीटी के आदेश के परिपेक्ष्य में सभी निकायों को निर्देश जारी को निर्देश भी जारी किए गए हैं। नगरीय प्रशासन संचालनालय के चीफ इंजीनियर ने सभी निकायों को पत्र भेजा है। साथ ही एनजीटी के आदेश की प्रति भी भेजी है। पत्र में उल्लेखित किया गया है कि नगरीय निकाय क्षेत्रांतर्गत निर्मित रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के वर्तमान में कार्यात्मक न होने के परिणाम स्वरूप भू-जल दूषित हो रहे है।
उन्होंने निर्देशित किया कि सभी रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम कार्यात्मक है या नहीं, इसकी जांच कराई जानी चाहिए। साथ ही जांच उपरांत कार्यात्मक न पाये जाने वाले रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को कार्यात्मक बनाने के निर्देश दिए गए हैं। यह सुनिश्चित किया जाए कि शुद्ध वर्षा जल केवल रूफ टॉप के जरिए से और नाली-बालकनी अन्य माध्यम से रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम पिट में न जाए, जिससे कि भू-जल को दूषित होने से बचाया जा सके।
उन्होंने निर्देशित किया कि रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए निर्मित रिचार्ज बोरवेल को भू-जल स्तर से 05 मीटर ऊपर बनाया जाए। सभी रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, और पिट की सफाई मानसून से पहले किया जाना चाहिए। रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम कार्यात्मक न पाये जाने की स्थिति में उसे कार्यात्मक बनाये जाने के लिए नोटिस दिया जाना चाहिए। यदि नोटिस के बाद भी संबंधित द्वारा कार्य नहीं किया जाता है,तो कार्रवाई की जायेगी।