रायपुर। अक्षय तृतीय (अक्ती) के मौके पर भगवान श्रीराम के ननिहाल चंदखुरी में कौशल्या महोत्सव का आगाज शनिवार से होगा। तीन दिनों तक चलने वाले इस आयोजन में श्रीराम के जन्म से लेकर वनवास और उनके जीवन चरित्र को बेहतर तरीके से दिखाया जाएगा। राम से मर्यादा पुरुषोत्तम बनने की कहानी और माता कौशल्या के जीवन चरित्र का विवरण भी महोत्सव में प्रस्तुत किया जाएगा। 22 से 24 अप्रैल तक चलने वाले इस आयोजन का शुभारंभ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल करेंगे। इस दौरान देश के प्रसिद्ध भजन गायक-गायिकाओं की प्रस्तुति होगी।
श्रीराम वनगमन पर्यटन परिपथ के अंतर्गत कौशल्या धाम परिसर में क्रियान्वित किए जा रहे विकास कार्यो के अंतर्गत 10 करोड़ की लागत से तैयार वाटर, लेजर, लाइट एंड साउंड-शो का शुभारंभ भी इस महोत्सव के जरिए होगा। लाइट एवं लेजर शो के माध्यम से श्रद्धालु भगवान श्रीराम के वनवास की कहानियां जानेंगे। शनिवार को इस महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर श्रद्धालुओं को एक नए रोमांच का अनुभव भी देखने को मिलेगा।
माता कौशल्या का विश्व में एकमात्र मंदिर –
विश्व में माता कौशल्या का एकमात्र मंदिर राजधानी स्थित चंदखुरी में है। विभिन्न् शोधपत्रों, अभिलेखों एवं मान्यता अनुसार भगवान श्रीराम ने अपना वनवास काल छत्तीसगढ़ में विभिन्न् स्थानों पर व्यतीत किया था। चंदखुरी को भगवान श्रीराम का ननिहाल माना जाता है, जो दक्षिण कोसल के नाम से पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। यह स्थल राजधानी रायपुर से मात्र 27 कि.मी. की दूरी पर स्थित है । 126 तालाबों वाले इस गांव में जलसेन तालाब के बीच में माता कौशल्या का ऐतिहासिक मंदिर स्थित है। प्रभु श्रीराम को गोद में लिए हुए माता कौशल्या की अद्भुत प्रतिमा इस मंदिर को दुर्लभ बनाती हैं।
यह भी होगा दर्शनीय –
1. ब्रिज, एप्रोच रोड एवं फैसिलिटी, तालाब, लैंड स्केपिंग एंड फैसिंग, इलेक्ट्रिफिकेशन, इंटरनल और एक्सटरनल प्लंबिंग, बड़ा प्रवेश द्वार, तालाब गहरीकरण, रिटेनिंग वाल, दीप स्तंभ, श्रीराम मूर्ति एवं द्वार।
2. स्व-सहायता समूहों की स्टाल में छत्तीसगढ़ संस्कृति की झलक।
3. मंदिर परिसर में पर्यटन कैफे।