
कोरबा। कुसमुंडा परियोजना से प्रभावित चंद्रनगर के दिलहरण पटेल ने जहर खा लिया। उसका गंभीर स्थिति में अस्पताल में इलाज चल रहा है।
दिलहरण के बेटे मुकेश का कहना है कि एसईसीएल ने उसके घर का सर्वे किया था, जिसे खदान के लिए अधिग्रहित किया जा गया। उसे नौकरी और मुआवजा देने का आश्वासन दिया गया था। इस संबंध में उसके पिता ने प्रबंधन की ओर से मांगे गए सभी दस्तावेज जमा कर दिए हैं। अधिकारी बार-बार घुमा रहे हैं कि मुख्यालय से आदेश नहीं आया है। हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर नौकरी पर रखने से इनकार किया जा रहा है।
ग्रामीण का इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय में इलाज चल रहा है। कुसमुंडा परियोजना से प्रभावित अनेक ग्रामीणों को नौकरी और मुआवजा देने का प्रकरण लटका हुआ है जिसके कारण लोग पहले भी आत्मघाती कदम उठाने की चेतावनी दे चुके हैं।



