
रायपुर। कांग्रेस की आंतरिक स्थिति ठीक नहीं है. किसी नेता में संवाद और संपर्क नहीं है. बड़े नेताओं में इतनी गुटबाजी है, तो निचली स्तर पर एक निर्णय से क्या स्थिति होगी आप समझ सकते है. दिल के टुकड़े हजार हुए कोई इधर गिरा, कोई उधर गिरा. यह बात नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कांग्रेस में नियुक्ति पत्र पर संगठन में हुए विवाद को लेकर कही.
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने मीडिया से चर्चा में प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार कहती है कि भरोसे की सरकार है, किसानों को सरकार है. लेकिन किसान की जमीन को नहीं छोड़ रहे, तब सोच लीजिए वह क्या-क्या करते हैं. वहीं बस्तर में नक्सलियों के उत्पात पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार आने के बाद नक्सलवाद तेजी से बढ़ा है. नक्सली और माओवादी रोज नई घटनाओं को अंजाम दे रहे है.
उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र में विपक्ष को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है. पिछले साढ़े 4 साल से बीजेपी के जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों को टारगेट किया जा रहा है. कार्यक्रमों में जाने से रोका जा रहा है, और धमकी भरा पत्र दिया जा रहा है. लोकतंत्र में यह कहीं पर भी उचित नहीं है, यही टारगेट किलिंग है. पूरे बस्तर में कानून-व्यवस्था का नहीं बल्कि नक्सलियों का राज है. नक्सलियों के खिलाफ कांग्रेस किस तरह निर्णायक लड़ाई लड़ेगी.
दो केंद्रीय मंत्रियों के आगमन पर बीजेपी की तैयारी को लेकर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि महासंपर्क अभियान के तहत छत्तीसगढ़ आ रहे हैं. अमित शाह के दौरे से बीजेपी के कार्यकर्ताओं में नए उत्साह का संचार हुआ है. कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता भी आएं, उन्हें कौन रोका है. राष्ट्रीय नेताओं का दौरा होना चाहिए. प्रदेश के हालात की जानकारी मिलती है. मोदी सरकार के गठन के बाद छत्तीसगढ़ में केंद्रीय मंत्रियों के दौरे हुए है, जैसे पहले कभी नहीं हुए.
15 विपक्षी दलों की बैठक पर नारायण चंदेल ने कहा कि उनकी कवायद पिछले 4 साल से चल रही है. लेकिन इन 15 विपक्षी पार्टियों का प्रधानमंत्री कौन होगा? हमारा तय है कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे. अब देश के अंदर जितने विपक्ष है उनकी जनता के सामने विश्वसनीयता नहीं है.