
रायपुर में ड्रग तस्करी की जांच में पुलिस को बड़े पैमाने पर सफलता मिली है, जहाँ कई प्रभावशाली व्यक्तियों के नाम भी उभरे हैं। इस मामले में नव्या मलिक का एक बेहद विश्वासपात्र सहयोगी, भावेश शर्मा, गिरफ्त में आया है। पंडिताई से शुरू हुआ करियर अब इवेंट मैनेजर बनने तक पहुंचा भावेश का, लेकिन आरोप हैं कि उसने नव्या के नियंत्रण में क्लबों और होटलों में नशीले पदार्थों की आपूर्ति को अंजाम दिया।
मामला कैसे सामने आया
भावेश पहले पंडिताई करता था, बाद में इवेंट का काम करने लगा। लगभग तीन साल पहले नव्या से उसकी मुलाकात हुई, बाद में दोनों के संबंध बढ़े। पुलिस को मोबाइल कॉल्स और चैट लॉग से पुष्टि मिली कि भावेश ड्रग सप्लाय चैनल का माध्यम बन चुका है।
क्लब में छिपा संदिग्ध, पुलिस ने दी चेतावनी
वीआईपी रोड स्थित एक क्लब में क्राइम ब्रांच ने छापा मारा। वहाँ मौजूद होटल कारोबारी का बेटे बताया जा रहा संदिग्ध, पुलिस को देख चकमा देकर भाग निकला। पुलिस ने क्लब की लाइटों की व्यवस्था बदल कर अनाउंसमेंट कराया, लेकिन संदिग्ध न मिल पाने पर क्लब मैनेजमेंट एवं स्टाफ को शामिलता पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई।
होटल कारोबारी के संबंधों की पड़ताल
जेल में बंद होटल कारोबारी के साथ नव्या के अक्सर कार में घूमने की बातें सामने आई हैं। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि इस कारोबारी का भागीदारी ड्रग तस्करी के धंधे में कितना है और क्या वह नव्या के नेटवर्क का इङ्ग्रीडियंट रहा है।
आगे की कार्रवाई
भावेश से पूछताछ जारी है और इससे कई और नामों की परतें खुलने की उम्मीद है। क्लबों और होटलों में ड्रग सप्लाई, नेटवर्किंग, आवागमन की लॉजिस्टिक्स — हर एंगल को खंगाला जा रहा है।