कबीरधाम। छत्तीसगढ़ में जैसे ही चुनावी बिगुल बजा हैं वैसे ही नए-नए चेहरे रोजाना सामने आ रहे हैं। यहां कांग्रेस और भाजपा की टक्कर तो होनी है लेकिन आम आदमी पार्टी भी किसी से कम नहीं है।
हर जगह चुनावी चर्चा आम हो गई है, जिधर नजर घूमती है वहां अपने समर्थित नेताओं को टिकट मिलने का कयास भी लगा कर बैठे कार्यकर्ताओं का चेहरा देखा जा सकता है, होगा तो वही जो पार्टी आलाकामन तय करेगा। वही कवर्धा का एक बड़ा चेहरा राष्ट्रीय पार्टी का दुपट्टा ओढ़ कर सोशल मीडिया पर जैसे ही वायरल होता हैं लोग उन्हें बधाई देने लगते हैं व यह सुबह अखबारों की सुर्खियां बन जाती हैं।
दरअसल, कबीरधाम जिला के सहसपुर लोहारा राजघराने के राजा खड़गराज सिंह बीते कुछ दिन पहले दिल्ली जाकर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से भेंट कर उनके पार्टी का दामन थाम चुके हैं। पत्नी आकांशा सिंह पहले से आम आदमी पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष है व लगातार पार्टी का झंडा बुलंद कर रही है।
छत्तीसगढ़ में आम आदमी पार्टी की पकड़ लगातार मजबूत होती जा रही है, जो कही ना कही भाजपा और कांग्रेस दोनों को ही डेमेज करेगी। कांग्रेस एवं भाजपा को भीतर चिंता तो सता रही है। भले ही कांग्रेस का I.N.D.I.A. गठबंधन आम आदमी पार्टी के साथ है लेकिन फिर भी आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ में पीछे नहीं हटना चाहती।
बता दे कि चर्चित राजा खड़गराज सिंह कवर्धा विधानसभा से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी हो सकते हैं और यदि ऐसा हुआ तो कांग्रेस को बड़ा नुकसान होना तय माना जा रहा है, क्योंकि राजा खड़गराज आदिवासी राजा है। इनकी कवर्धा के हर गाँव तक पहुंच और समाज के लोग समर्थक है। यही नहीं अन्य समाज तक राजा की मजबूत पकड़ है, जिसका असर चुनाव परिणाम पर देखने मिलेगा।
राजा के साथ समर्थक –
बात 2018 चुनाव की हैं, मंत्री मोहम्मद अकबर ने लग-भग 59284 वोटो से जीत हासिल की थी। उस दौर में तो BJP के खिलाफ लहर चल रही थी। 15 वर्ष सत्ता पर BJP राज कर चुकी थी, जिसे लोग बदलना चाहते थे, जिसका फायदा कांग्रेस को मिला। बहुमत से ज्यादा विधायक जीतकर आए और सरकार बनाई।
परन्तु 2023 का चुनाव ऐसा नही है इस बार मतदाता मौन है कुछ भी हो सकता है। आदिवासी मतदाताओं को कांग्रेस का परमानेंट वोट बैंक माना जाता था पर इस बार राजा के मैदान में आने से यह साफ संकेत हो रहा है कि 59284 का ग्राफ कितनी तेजी से गिरेगा की कंट्रोल करना मुश्किल पड़ जाएगा। वही क्षेत्र में गांव-गांव में लोग हिन्दू गांव, हिन्दू राष्ट्र की लगातार मांग कर उपवास कर भजन कर रहे है। यह भी एक बड़ा फेक्टर होगा।
खैर यह तो चुनावी चर्चा बनी हुई है। इसके साथ ही पिछले दो-तीन दिनों से एक चर्चा जोरों पर है, कि वर्तमान सरकार के लोग मतदाता सूची लेकर घर-घर जा रहे हैं और माताओं को तीज उपहार स्वरूप साड़ी दे रहे हैं। मतलब साफ है कि अभी से लोगों को लुभाने की कोशिश शुरू कर दी गई है।