छत्तीसगढ़ बड़ी खबर : श्री संकल्प हॉस्पिटल का लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई हुई रद्द, हाई कोर्ट ने दिया ये आदेश

Chhattisgarh big news: Action to cancel license of Shri Sankalp Hospital cancelled, High Court gave this order
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एकन्याचिक पर सुनवाई करते हुए अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि सीएमएचओ को किसी अस्पताल के लाइसेंस निरस्त करने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने गरियाबंद के श्री संकल्प छत्तीसगढ़ हॉस्पिटल का लाइसेंस निरस्त करने के खिलाफ की गई कार्रवाई को रद्द कर दियाहै।
सीएमएचओ को अस्पताल के लाइसेंस निरस्त करने का अधिकार नहीं होने के कारण उक्त कार्रवाई को निरस्त कर दिया है, हालांकि कोर्ट ने नियम का पालन करते हुए कार्रवाई करने छूट दी है।21 अगस्त 2024 को गर्भवती महिला श्री संकल्प छत्तीसगढ़ मिशन हॉस्पिटल गरियाबंद में जांच के लिए गई थी। जांच उपरांत चिकित्सक ने सब कुछ ठीक होने की बात कहते हुए घर में आराम करने की सलाह देकर अस्पताल से छुट्टी कर दिया। 28 अगस्त को दर्द होने पर महिला को फिर से अस्पताल में लाया गया, इसके बाद सोनोग्राफी कराया गया।
जाँच के बाद भ्रूण के गर्भ में ही मौत होने की पुष्टि की गई। महिला एवं उसके परिजनों ने उपचार में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए कलेक्टर से शिकायत की। शिकायत की जांच उपरांत सीएमएचओ ने अस्पताल प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी किया। इसके बाद लाइसेंस निरस्त करने नोटिस जारी कर अस्पताल को सील कर दिया।
सीएमएचओ की कार्रवाई के खिलाफ अस्पताल प्रबंधन ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में कहा है कि अस्पताल के खिलाफ नियम विरूद्ब कार्रवाई की गई है। सीएमएचओ को किसी अस्पताल या नर्सिंग होम का लाइसेंस निरस्त करने का अधिकार नहीं है।
मामले की सुनवाई जस्टिस सचिन सिंह राजपूत के सिंगल बेंच में हुई। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने सीएमएचओ को लाइसेंस निरस्त करने का अधिकार नहीं होने के कारण अस्पताल के खिलाफ की गई कार्रवाई को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने शासन को नियमों का पालन करते हुए याचिकाकर्ता को सुनवाई का अवसर प्रदान करने का निर्देश दिया है।