
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीत सत्र में मंगलवार को 805 करोड़ रुपये का द्वितीय अनुपूरक बजट पेश किया गया। चर्चा के दौरान सदन में उस समय हंगामा मच गया जब कांग्रेस विधायक रामकुमार यादव ने BJP विधायक भावना बोहरा को हाथ दिखाया। इसे लेकर भावना बोहरा ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा, “आपने महिला विधायक को हाथ कैसे दिखाया?”
इस घटना के बाद सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष आमने-सामने आ गए और एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी शुरू हो गई। आसंदी ने कहा कि यदि असंसदीय शब्द या व्यवहार पाया गया तो उसे विलोपित किया जाएगा।
बजट के प्रमुख प्रावधान –
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने द्वितीय अनुपूरक बजट पेश करते हुए कई योजनाओं के लिए राशि आवंटित की:
लखपति दीदी योजना के लिए 250 करोड़ रुपये।
नगरीय प्रशासन के लिए 200 करोड़ रुपये।
मुख्यमंत्री समग्र योजना के लिए 100 करोड़ रुपये।
चित्रोत्पला फिल्म सिटी के लिए 100 करोड़ रुपये।
बस्तर ओलंपिक के लिए विशेष बजट प्रावधान।
पीएम जन मन योजना, धरती आबा बिरसा मुंडा योजना, राम लला दर्शन योजना सहित अन्य योजनाओं के लिए भी बजट प्रावधान किए गए।
कवासी लखमा और मंत्री अरुण साव में तीखी बहस
सदन में कांग्रेस विधायक कवासी लखमा ने सुकमा और दंतेवाड़ा के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिया निर्माण का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पहले निर्माण कार्य शुरू हुआ और फिर टेंडर निकाला गया। उन्होंने इसे नियमों का उल्लंघन बताते हुए सवाल किया, “जनता की गाढ़ी कमाई का दुरुपयोग क्यों हुआ?”
मामले पर मंत्री अरुण साव ने सफाई देते हुए कहा कि मई में पुलिया का निर्माण सुरक्षा कारणों से शुरू हुआ था क्योंकि वहां रसद ले जाना जरूरी था। आचार संहिता के चलते कार्य को रोक दिया गया और कोई भुगतान नहीं किया गया। अब टेंडर प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
कवासी लखमा ने आगे सवाल उठाते हुए कहा, “क्या ईई और सब इंजीनियर पर कार्रवाई होगी?” इस मुद्दे पर दोनों के बीच तीखी नोकझोंक हुई।
सदन में हंगामे की स्थिति
बजट सत्र के दौरान महिला विधायक को हाथ दिखाने और पुल निर्माण गड़बड़ी के मुद्दे पर सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष में जमकर बहस हुई। वहीं, आसंदी ने व्यवस्था देते हुए कहा कि संसदीय मर्यादा का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।