
रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की रिमांड रायपुर की स्पेशल कोर्ट ने 29 अक्टूबर तक बढ़ा दी है। चैतन्य बघेल को शराब घोटाले के मामले में 18 जुलाई 2025 को ईडी (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। इस साल उनकी दीपावली जेल में ही कटेगी।
चार्जशीट पेश करने में देरी
ईओडब्ल्यू ने 13 अक्टूबर को चार्जशीट पेश करने का समय मांगा था, लेकिन वह समय पर नहीं पेश कर पाई। कोर्ट ने दो दिन का अतिरिक्त समय दिया था, 15 अक्टूबर तक। आज भी चार्जशीट पेश नहीं होने पर कोर्ट ने चैतन्य बघेल की रिमांड 14 दिन के लिए बढ़ा दी।
1000 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप
जांच एजेंसियों का आरोप है कि चैतन्य बघेल इस सिंडिकेट में शामिल अधिकारियों और कारोबारियों में से एक थे और घोटाले से अर्जित राशि का हिसाब-किताब संभालते थे। बताया गया कि उन्होंने लक्ष्मीनारायण बंसल की मदद से करीब 1000 करोड़ रुपये की हेराफेरी की। आरोप है कि चैतन्य ने कमीशन से मिले ब्लैक मनी को व्हाइट करने के लिए रियल एस्टेट के व्यवसाय में निवेश किया। शराब घोटाले में ईडी ने पैसे की धुलाई रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत मामला दर्ज किया।
गिरफ्तारी और रिमांड की क्रमिक घटनाएं
18 जुलाई 2025: भिलाई स्थित घर में ईडी ने छापा मारा और चैतन्य को रायपुर लेकर गए।
गिरफ्तारी के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हल्की झड़प हुई थी।
पहले पांच दिन की रिमांड के बाद चैतन्य को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेजा गया।
4 अगस्त 2025: रिमांड समाप्त, फिर 14 दिन की रिमांड बढ़ाई गई।
18 अगस्त 2025: तीसरी बार एक दिन की रिमांड, उसके बाद 19 अगस्त को पांच दिन की कस्टोडियल रिमांड।
अब कोर्ट ने रिमांड 29 अक्टूबर तक बढ़ा दी है।



