रायपुर। छत्तीसगढ़ में सहकारी समितियों के माध्यम से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी 1 नवंबर से जारी है। धान खरीदी को लगभग एक माह पूरा होने को है, लेकिन धान बेचने के लिए खरीदी केंद्रों में किसानों की भीड़ कम दिख रही है। छिटपुट और छोटे किसान अभी धान बेचने के लिए खरीदी केंद्र पहुंच रहे हैं। धान की आवक कम होने की वजह से खरीदी केंद्रों में सन्नाटा पसरा हुआ है। धान खरीदी केंद्रों में सन्नाटा की वजह नये समथर्न मूल्य को माना जा रहा है क्योंकि विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में धान के समर्थन मूल्य में बड़ा इजाफा किया है ।
नई सरकार के इंतजार में है किसान –
सूरजपुर में आज भी धान खरीदी केंद्र वीरान पड़े हुए हैं। इस बार किसान नई सरकार के इंतजार में है, तो वहीं खाद्य विभाग के अनुसार धान के फसल में देरी की वजह से किसान अभी तक अपना धान बेचने मंडी तक नहीं पहुंच रहे हैं। यह नजारा सूरजपुर के ज्यादातर मंडियों का है। दरअसल सूरजपुर में कुल 54 धान खरीदी केंद्र हैं, लेकिन अभी तक मात्र 11 केंद्रो में ही धान खरीदी शुरू हो सकी है, जिसमें कुल 13 हजार क्विंटल ही धान खरीदा गया है। अभी भी 43 धान मंडी केंद्र सुनसान पड़े हैं और किसानों का इंतजार कर रहे हैं।
बनाए गए 54 धान उपार्जन केंद्र –
यह चुनावी वर्ष है और 3 दिसंबर को यह निश्चित हो जाएगा कि प्रदेश में सरकार किसकी बनने वाली है। प्रदेश के दोनों ही बड़ी पार्टियों ने किसानों को लेकर कई घोषणाएं की हैं, यही वजह है कि किस नई सरकार बनने का इंतजार कर रहे हैं ताकि उनको धान के सही कीमतों का पता चल सके। वहीं खाद्य विभाग के द्वारा धान खरीदी की तैयारी पूरी कर ली गई हैं, जिले में कुल 60152 पंजीकृत किसान हैं, जबकि 80546 हेक्टेयर कुल रकबा है जिसकी खरीदी के लिए 54 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं। जबकि तीन लाख बीस हजार तीन सौ पैंसठ क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन लगभग एक महीना का समय होने के बावजूद अभी तक जिले में मात्र 13000 क्विंटल धान की ही खरीदी हो सकी है।