
Chhattisgarh big news: MLA elected for the first time, took oath as Deputy CM today, a glimpse of Vijay Sharma’s life..
रायपुर। राजधानी रायपुर के साइंस कालेज मैदान में बुधवार को कवर्धा से विधायक विजय शर्मा उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्री समेत दिग्गज नेता कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
नव नियुक्त उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय हैं। 1989 में वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कवर्धा नगर ईकाई के सहसंयोजक चुने गए। वर्ष 1991अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पैनल से स्वामी करपात्री जी शासकीय उच्चतर महाविद्यालय कवर्धा के अध्यक्ष बने। इसके बाद उन्होंने छात्र संघर्ष मोर्चा का गठन किया और दो सालों तक छात्र हित के विभिन्न मुद्दे उठाते रहे। 2001 में वे सक्रिय राजनीति में आ गए। वर्ष 2004 में विजय को भाजपा युवा मोर्चा का जिला अध्यक्ष बनाया गया। 2010 तक वे इस पद पर बने रहे। इसके बाद 2011 से 2015 तक जिला महामंत्री, 2015 से जनवरी 2020 तक जिला पंचायत सदस्य रहे। उन्हें 2015 भाजपा का जिला कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाया गया। मार्च 2016 से 2020 तक प्रदेश भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष रहें।
पहली बार चुने गए हैं विधायक –
डिप्टी सीएम विजय शर्मा पहली बार विधायक चुने गए हैं। उन्होंने कांग्रेस के कद्दावर मंत्री मोहम्मद अकबर को 40 हजार वोटों से हराया है। 2021 में कवर्धा में हुए झंडा विवाद के बाद चर्चा में आए विजय शर्मा को जेल जाना पड़ा था। इसके बाद उनका चुनाव लड़ना लगभग तय माना जा रहा था। पार्टी ने उन्हें टिकट दी और उन्होंने कांग्रेस के कद्दावर मंत्री मोहम्मद अकबर को शिकस्त दी।
दो-दो विषय में है स्नातकोतर की डिग्री
विजय शर्मा की शैक्षणिक योग्यता भी अच्छी है। शर्मा दो-दो विषय में पीजी है। वे एमपी भोज मुक्त विवि से कम्प्यूटर में एमसीए उत्तीर्ण है। उन्होंने 1998 -2001 में यह परीक्षा उत्तीर्ण किया है। इसी प्रकार डिप्लोमा इन इंगलिश लैंग्वेज की पढ़ाई वर्ष 1997 में पंडित रवि शंकर विवि से पूरी की। इसके अलावा 1994 से 1996 में भौतिकी शास्त्र में एमएससी किया है। इसके अलावा नौकरी की बात करते तो एक निजी कंपनी में रायपुर में 1998 से 2001 तक आपरेटर का काम किया। इसके बाद पहले 1996 – 1997 तक भी एक कंपनी में आपरटेर थे। वहीं 1996 से 1998 तक रायपुर के एक निजी कालेज में अध्यापन का कार्य किया है।