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छत्तीसगढ़ बड़ी खबर : नया रायपुर में 218 करोड रुपए का काम निरस्त, कंपनी का पूर्व मंत्री अकबर से नाता

रायपुर। नई सरकार के गठन के बाद नवा रायपुर, रायपुर व दुर्ग-भिलाई को ग्रेटर रायपुर की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। ग्रेटर रायपुर फिर से वापस लौट आया है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की तर्ज पर राज्य राजधानी क्षेत्र का विकास होगा। इसके लिए राज्य सरकार ने योजना तैयार कर ली है। सरकार ने इस प्रोजेक्ट पर तेजी से काम करने का निर्णय लिया है, जिसमें नवा रायपुर से लेकर रायपुर व दुर्ग-भिलाई की कनेक्टिविटी आसान होगी। अधोसंरचना विकास के साथ ही आमोद-प्रमोद क्षेत्र, आवासीय व व्यवसायिक क्षेत्रों का विकास किया जाएगा। आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने शुक्रवार को विभागीय अधिकारियों की बैठक ली, जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इसमें जनहितों के कार्यों में लेटलतीफी करने के लिए 218 करोड़ रुपये के 10 निर्माण कार्यों का पुराने ठेकेदार से अनुबंध निरस्त कर दिया गया।

सख्त कार्रवाई के निर्देश –

बैठक में आवास एवं पर्यावरण मंत्री ने कहा कि गुणवत्ताहीन कार्य करने वाले ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई व अनुबंध समाप्त किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी परियोजनाएं समय-सीमा में पूरी हो, इसका विशेष रूप से ध्यान रखा जाए।

अधिकारियों ने की शिकायत –

बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि बार-बार नोटिस देने के बाद भी कई ठेकेदारों की स्थिति नहीं सुधरी। वहीं, स्मार्ट सिटी के ज्यादातर काम गिने-चुने ठेकेदार ही कर रहे हैं। गुणवत्ता प्रभावित होने के साथ-साथ कार्यों में गति भी नहीं आ रही थी।

इसलिए लिया गया निर्णय –

आला अधिकारियों ने बताया कि स्मार्ट सिटी की समय-सीमा जून 2024 को खत्म हो रही है। ऐसे में प्रोजेक्ट को समय पूरा करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। स्कूल, आंगनबाड़ी, बस स्टाफ, गार्डन, पार्किंग आदि को समय-सीमा पर पूरा करने का दबाव है। स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा अब नए ठेकेदारों से तीव्र गति से काम कराया जाएगा।

पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर के भाई को मिला था सारा काम –

हैरतअंगेज करने वाली बात यह है कि जिन 10 कामों के टेंडर को पर्यावरण एवं आवास मंत्री ओपी चौधरी निरस्त किए हैं। यह सभी 10 कार्य रायपुर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड कंपनी को मिला था। जिसके संचालक मोहम्मद असगर पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर के भाई हैं। गौरतलब है कि इसके पहले मोहम्मद अकबर के पास ही पर्यावरण विकास मंत्रालय का दायित्व था। बताते हैं कि मोहम्मद असगर को काम भी नियमों को अनदेखी करके दिए गए थे, जिसकी जांच पड़ताल की जा रही है। एक साथ सभी करोड़ों के काम मिलने के कारण काम में धीमी गति होने से जनता भी परेशान थी और जनता को सुविधा समय पर नहीं मिल पा रही थी।

Ashok Kumar Sahu

Editor, cgnewstime.com

Ashok Kumar Sahu

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