मनोकामना पूर्ण करने महिलाओ ने किया आंवला नवमी की पूजा, फिर पेड़ के नीचे खाया खाना
रिपोर्टर@सुशील तिवारी
आंवली नवमी का पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है इसे अक्षय नवमी कहा जाता है ।कोरबा जिले की गेवरा दीपका में भी महिलाओं ने आज सुबह उठकर पूजा पाठ किया और पेड़ की छाया के नीचे खाना बनाकर सभी के साथ मिलकर खाना खाया ।
पूजा कर रही महिलाओ ने बताया कि आंवला नवमी स्वयं सिद्ध मुहूर्त है। इस दिन दान, जप व तप सभी अक्षय होकर मिलते हैं इनका कभी क्षय नहीं होता हैं। भविष्य, स्कंद, पद्म और विष्णु पुराण के मुताबिक इस दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है। जिससे सभी मनोकामना पूर्ण होती है। इसी कारण बड़ी संख्या में लोग आंवला नवमी के दिन पिकनिक मना कर पेड़ के नीचे भोजन करते हैं ।
पूजा के बाद इस पेड़ की छाया में बैठकर भोजन प्राप्त करने से सभी प्रकार की बीमारियां शरीर से दूर हो जाती है और मनोकामना भी पूर्ण हो जाती है ।ऐसा करने से हर तरह के पाप और बीमारियां दूर होती हैं। इस दिन किया गया तप, जप , दान इत्यादि व्यक्ति को सभी पापों से मुक्त करता है तथा सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला होता है।
कोरबा जिले के ग्रामीण अंचलों में महिलाओं ने कई जगह पेड़ के नीचे पूजा पाठ कर पिकनिक का आयोजन किया ।
इस अवसर पर प्रगति नगर दीपका के मनोकामना मंदिर में विधिवत पूजा अर्चना के बाद मंजू जायसवाल, ज्योति जायसवाल, हेमलता राजवाड़े ,प्रीति जायसवाल समेत कई महिलाओ विधिवत पूजा अर्चना किया ।और शाम को मंदिर में द्वीप प्रज्वलित कर अपनी मनोकामना के लिए भगवान से आशीर्वाद भी मांगा ।