सरगुजा। प्रदेश के सरगुजा जिले से वन विभाग का बड़ा झोल सामने आया है। मैनपाट के जंगल में 5 एकड़ का पट्टा बनवा कर 27 एकड़ का घेराव किया जा रहा है। इसका ग्रामीण पुरजोर विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि विकासखंड बतौली के ग्राम पंचायत करदना निवासी पूर्व सरपंच वन विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर जंगल का बड़ा हिस्सा कब्जा किया है।
जानकारी के अनुसार, मैनपाट सर्कल क्रमांक 9 /2470 में लगभग 27 एकड़ घने जंगल को खुटा और फेंसिंग तार से घेराव किया गया है। घेराव करने के दौरान हरे भरे जंगल में स्थित साल और सगौन के लकड़ी को काटकर फेंसिंग तार से घेरा गया है। इस बात की जानकारी पंचायत करदना, विशरपानी ,आमगांव, नागादाड के ग्रामिणों ने बतौली थाना, सरगुजा कलेक्टर और वन विभाग में भी दी। लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई।
27 एकड़ घने जंगल का अवैध कब्जे के विरोध में ग्राामीण –
बता दें, ग्रामीण बीरबल तीगगा, दिनेश ,अनिल पन्ना, मोहरमनी, अनीता तिग्गा, टिब्लू ,सुगंथी, बंधो सुशील ,दीपक, सतनारायण यादव ईरानियुष् लकड़ा, मनसुख, श्यामलाल, मोहरलाल, सहित सैकड़ो की संख्या में ग्रामीणों ने वन विभाग पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि, पूर्व सरपंच और वन विभाग सांठ-गांठ कर जंगल की जमीन का अवैध कब्जा कर बंदरबांट कर रहे हैं।
उद्यान विभाग पर मृतकों के नाम पर लोेन पास का गंभीर आरोप –
ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि, पूर्व सरपंच द्वारा उद्यान विभाग बेलकोटा से लोन इंचार्ज ममता पैकरा से मृत लोगों के नाम पर फेंसिंग तार और खूंटा का अवैध तरीके से लोन पास कराया गया है, जबकि मृतक मंगलेश्वर पिता चेतू, दिलमनिया पति मंगलेश्वर दोनों की मृत्यु को 6-7 साल हो गये, जबकि चेतू पिता केवला की 2 वर्ष पूर्व मृत्यु हुई है। इसके अलावा पूर्व सरपंच के पुत्र राहुल का निधन 5 वर्ष पहले हुआ है। इन सभी मृतकों का उद्यान विभाग में लोन पास किया गया है। वहीं जंगल के 27 एकड़ जमीन के अवैध घेराव के संबंध में सीतापुर एसडीएम रविराही ने बताया कि, जांच उपरांत दोषियों पर कार्रवाई किया जाएगा।