रायपुर। आज से ‘नौ दुर्गा’ की पूजा शुरू हो चुकी है. इस बार चैत्र नवरात्रि पूरे 9 दिन की है. कहते हैं नवरात्रि में जब तिथियों का क्षय नहीं हो तो सालभर भक्तों पर माता की विशेष कृपा बनी रहती है. 9 अप्रैल से 17 अप्रैल तक चैत्र नवरात्रि का त्योहार मनाया जाएगा. माता के नौ रूप का विशेष महत्व है, देवी ब्रह्मचाहिणी माता का दूसरा स्वरूप मानी गई हैं.
नवरात्रि का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित है. इनकी उपासना से त्याग और सदाचार की वृद्धि होती है. चंद्रमा के अशुभ प्रभाव कम होते हैं. आइए जानते हैं इस बार 10 अप्रैल 2024 को चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि, उपाय
मां ब्रह्मचारिणी पूजा मुहूर्त
चैत्र शुक्ल द्वितीया तिथि शुरू – 9 अप्रैल 2024 रात 08.30
चैत्र शुक्ल द्वितीया तिथि समाप्त – 10 अप्रैल 2024, शाम 05.32
लाभ – सुबह 06.01 – सुबह 07.36
अमृत – सुबह 07.36 – सुबह 09.12
शुभ – सुबह 10.47 – दोपहर 12.22
क्या सीख देती हैं मां ब्रह्मचारिणी ? –
मां ब्रह्मचारिणी को हिंदू धर्म में ध्यान और अध्यात्म का प्रतीक माना जाता है. देवी का ये स्वरूप व्यक्ति को सांसारिक इच्छाओं से ऊपर उठकर शांति और कम चीजों में भी संतुष्ट रहने का संदेश देता है. शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति अपने मन पर काबू पा लेता है खुशियां उसके कदमों में होती है. देवी ब्रह्मचारिणी ने भी अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्र होकर समस्त क्षणभंगुर इच्छाओं का त्याग कर दिया था.
मां ब्रह्मचारिणी पूजन विधि –
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा में सफेद और लाल रंग के वस्त्र पहनना चाहिए. देवी को सफेद रंग प्रिय है. माता को चमेली के फूलों की माला पहनाएं, इस दौरान ह्रीं या फिर ओम देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः मंत्र का जाप करें. देवी ब्रह्मचारिणी को चीनी और पंचामृत का भोग प्रिय है. माता की कथा पढ़े और अंत में आरती कर दें.