
खैरागढ़। अयोध्या में 500 वर्ष बाद ऐसा शुभ अवसर आया जब, जब प्रभु श्रीराम स्वयं अपने जन्म स्थान पर सूर्यभिषेक किए। यह हर हिन्दू सनातनी के लिए आलौकिक छड़ हैं इसे यादगार बनाने के लिए सम्पूर्ण भारत में सनातनियों द्वारा हर अलग स्थानों में धार्मिक आयोजन अनुष्ठान को संपन्न किया गया।
प्रभु श्रीराम दरबार की हुई प्राण प्रतिष्ठा –
श्री रामलला के प्राकट्य अवसर (रामनवमी) पर खैरागढ़ के वार्या सिटी में प्रभु श्रीराम का दिव्य आगमन हुआ। वही राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा धूमधाम से संपन्न हुई।
शंकराचार्य के शिष्य ने बताया –
‘परमाराध्य’ परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिषपीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती ‘1008’ महाराज के कृपा पात्र शिष्य विकास वार्या खैरागढ़ के प्रतिष्टित बिल्डर हैं, जिन्होंने बताया वार्या सिटी कॉलोंनी में राम मंदिर बनवाने की ईच्छा थी।
वही, गुरुदेव शंकराचार्य जी से महाराज मार्गदर्शन व प्रेरणा लेकर एक वर्ष पूर्व मंदिर निर्माण की नींव रखा था और एक वर्ष के बाद मंदिर निर्माण होकर तैयार हो गया। प्रभु श्रीराम दरबार की मूर्ति विशेष कारीगरों द्वारा राजस्थान के मकराना में बनवाया गया था। उत्तरप्रदेश काशी से आए पांच विद्वानों द्वारा सप्तमी से मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन किया गया जो कि रामनवमी पर संपन्न हुआ।
विकास वार्या ने बताया कि यह मंदिर वार्या सिटी निवासियों सहित सभी सनातनियों के दर्शन और पूजन के लिए खुला रहेगा।
जय श्री राम के लगे नारे –
रामनवमी पर विशेष पूजा होने के पश्चात सभी श्रद्धालुओं ने श्रीराम के दर्शन किए और जय श्री राम के नारे लगाए। वही श्रीराम को विशेष भोग अर्पित किया गया, जिसके बाद सभी सनातनियों ने भोग प्रसाद ग्रहण किया।