
छत्तीसगढ़/बेमेतरा। ‘परमाराध्य’ परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु श्रीश्री शंकराचार्य जी स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती ‘1008’ अपने प्रवास के चतुर्थ दिन रविवार को बेमेतरा के कृष्णा विहार स्थित निवास पर सुबह भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर की पूजा कर दीक्षार्थियों को दीक्षा के बाद दर्शन दिए। शंकराचार्य जी के मीडिया प्रभारी अशोक साहू ने बताया कि शंकराचार्य जी बेमेतरा निवास से श्रीमद् भागवत कथा स्थल 01 बजे पहुंचे, जहां सुरेंद्र कुमार छाबड़ा और परिवार द्वारा श्रीभागवत भगवान की आरती व पादुकापुजन कर चतुर्थ दिवस की कथा का प्रारंभ हुआ।
शंकराचार्य महाराज ने व्यासपीठ से कहा श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण का माहात्म्य अनेक ग्रन्थों में वर्णित है। यह कथा हमें तत्काल फल प्रदान करती है। इसीलिए इसे नगद सौदा कहा जाता है। ऐसा नहीं है कि यह कथा सुनकर जब हमारी मृत्यु होगी तब हमें इसका फल मिलेगा, कहा गया है जैसे ही श्रद्धा व भक्ति से युक्त होकर हम भगवान की कथा सुनते हैं।तत्काल हमें इसका फल मिल जाता है।
शंकराचार्य ने कहा कि संसार में 02 प्रकार के मंदिर हैं, एक जो मनुष्यों ने बनाए व एक जो भगवान ने बनाएं। भगवान ने अपना स्थान सबके हृदय में बना रखा है। भगवत गीता में स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने कहा ‘ईश्वरः सर्वभूतानां हृद्देशेर्जुन तिष्ठति” इसलिए सबमें परमात्मा को देखना चाहिए।
उन्होंने समझाते हुए कहा कि अनायास मरण भगवान की कृपा से होता है। किसी को आत्महत्या नहीं करना चाहिए। क्योंकि व्यक्ति यदि जीवित रहेगा तो अनेक शुभ चीजें देख सकता है। भगवान ने हमें यह जीवन दिया है तो अच्छे कर्म करते हुए इसे व्यतीत करना चाहिए
वही, चौथे दिन इस भव्य कार्यक्रम के आयोजक विधायक आशीष छाबड़ा ने शंकराचार्य स्वामीश्रीश्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज का धन्यवाद किया और भक्तों से कहा कि हम सभी भाग्यशाली हैं कि शंकराचार्य भगवान स्वयं ही भागवत कथा हमें सुना रहे हैं।
उन्होंने कहा कथा के प्रथम दिवस में शंकराचार्य महाराज ने बताया था किस तरह से श्रीमद् भागवत महापुराण जीवन में हम सब को मुक्ति का मार्ग बताता है। जितनी ही आत्मीयता से हम सुनेंगे हमारा अंतःकरण पवित्र होगा। वही, विधायक ने कहा कि सभी को कथा अच्छे मन से सुनना है व जीवन में उसे उतारना है।
वही, विधायक आशीष छाबड़ा ने बताया जिस तरह उन्होंने शनिवार को सपाद लक्षेश्वर सवालाख शिवलिंग, जो बेमेतरा जिले में एशिया का सबसे बड़ा शिव जी का मंदिर बन रहा है। उसके लिए धर्म प्रेमियों से अपील की थी कि वह अपने परिवार जन के नाम से एक शिवलिंग की स्थापना करवाएं। धर्म प्रेमियों ने तत्काल इस बात को माना और लगातार ही शिवलिंग स्थापना के लिए राशि देकर रसीद ले रहे हैं। आज ही करीब 12 श्रद्धालुओं ने शिवलिंग स्थापना के लिए नाम दिया है।
हजारो श्रद्धालुओं ने भंडारे में पहुँच किया प्रसाद ग्रहण –
बता दे कि दूर दराज से रोजाना हजारों श्रद्धालु शंकराचार्य जी के श्रीमुख से कथा का श्रवण करने के लिए पहुंच रहे हैं। प्रथम दिन से ही प्रतिदिन 12 से शाम 6 बजे तक विशाल भंडारा का आयोजन होता हैं, जिसमे रविवार को 05 हज़ार श्रद्धालुओं ने भंडारे में पहुँच प्रसाद ग्रहण किया। यह भंडारा नियमित रूप से 2 फरवरी 2023 तक सभी भक्तो के लिए उपलब्ध रहेगा।
आज रही मौजूदगी –
वही आज प्रमुख रूप से ब्रह्मचारी ब्रह्मविद्यानन्द, साध्वी पूर्णम्बा, साध्वी शारदाम्बा, चन्द्रप्रकाश उपाध्याय विशेष कार्याधिकारी ज्योतिर्मठ, ब्रह्मचारी ज्योतिर्मयानंद, ब्रह्मचारी केशवानन्द, ब्रह्मचारी हृदयानंद, ब्रह्मचारी परमात्मानंद, पंडित कृष्णा परासर, पंडित देवदत्त दुबे, प्रदीप चौबे वरिष्ठ नेता कांग्रेस, भूपेंद्र उपाध्याय सीएमओ, छोटू महेश्वरी अध्यक्ष भद्रकाली ट्रस्ट, हेमन्त अरोरा पीडब्ल्यूडी रायपुर, प्रकाश सितलानी अध्यक्ष सिन्धी समाज, सुरेश तेजवानी, गोविंद अग्रवाल, घनश्याम अग्रवाल, हीरा बाई वर्मा जनपद अध्यक्ष, शकुंतला साहू नगर पालिका अध्यक्ष, संध्या परघनिया, सुनीता जोशी, बलराम साहू, रविपाल अरोरा, राजेश पुनिया, रंजीत सिंह बैस, वीणा सिंह बैस सहित हज़ारो संख्या में श्रद्धालुओं ने भागवत कथा का श्रवण किया।