छत्तीसगढ़रायपुर

कबीरधाम : महिला स्व-सहायता समूह करेंगी शहद प्रसंस्करण संयंत्र का संचालन

कबीरधाम। वैदिक काल से अमृत नाम से जाना-जाने वाला शहद प्रकृति मानवता को अनुपम देन है। इसमें अवकारण शर्कराए, कुछ प्रोटीन, विटामिन तथा लवण होते है। सभी आयु वर्ग के लोगो हेतु शहद लाभकारी है। छत्तीसगढ़ राज्य में कबीरधाम जिले के अंदर सर्वाधिक जंगली शहद पाया जाता है।

कबीरधाम जिले के बोड़ला ब्लॉक में बांधाटोला में नवीन तकनीक पर आधारित शहद प्रसंस्करण केन्द्र स्थापित किया गया है। संपूर्ण जिले से जंगली शहद महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से संग्रहण कर बोड़ला (बांधाटोला) में मंगवाया जाता है।

बोड़ला में इसे प्रसंस्कृत किया जाता है। इस मशीन में 500 कि.ग्रा. शहद का प्रसंस्करण मात्र 8 घंटो में हो जाता है। मशीन का संचालन महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा किया जा रहा था। नवीन मशीन स्थापना के पश्चात पूणे से विषय विशेषज्ञ को बुलाकर महिला स्व-सहायता समूहों के सदस्यों को मशीन का संचालन करने का प्रशिक्षण 29 अप्रैल से 1 मई तक दिया गया। महिला स्व-सहायता समूह सदस्यो द्वारा उत्साह और उल्लासपूर्ण होकर सफल प्रशिक्षण प्राप्त किया।

वनमण्डलाधिकारी द्वारा जानकारी दी गई कि इस प्रसंस्कृत शहद को ‘‘छत्तीसगढ़ हर्बल’’ के माध्यम से संपूर्ण भारत में भेजा जावेगा तथा स्व-सहायता समूह को संचालन इसलिये दिया गया है कि वे आत्म-निर्भर बनें। उनमें उद्यामिता के गुण आये तथा इनकी आय में वृद्धि हो।

Ashok Kumar Sahu

Editor, cgnewstime.com

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!