
पर्यावरण दिवस पर दीपका क्षेत्र में हुए विविध आयोजन : पर्यावरण उद्यान पर 200 से अधिक फलदार पौधों का हुआ रोपण
सतत विकास ने भौतिक संसाधन उपलब्ध कराने के साथ पर्यावरण संरक्षण को क्षति भी पहुंचाई-अमित सक्सेना महाप्रबंधक दीपका
रिपोर्टर @सुशील तिवारी बॉबी
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर 05 जून बुधवार को एसईसीएल दीपका क्षेत्र के महाप्रबंधक अमित सक्सेना के मार्गदर्शन में पर्यावरण जागरूकता रैली, पौधरोपण सहित विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का सफल आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि महाप्रबंधक अमित सक्सेना द्वारा ध्वजारोहण के साथ किया । इसके पश्चात सहायक प्रबंधक सनोज जोश (पर्यावरण विभाग) द्वारा पर्यावरण की संरक्षण एवं संवर्धन हेतु शपथ दिलाया गया।
इस अवसर पर स्वच्छ पर्यावरण एवं सतत विकास के महत्व को उजागर करते हुए महाप्रबंधक श्री सक्सेना ने पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन हेतु दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली नेपकिन (टिश्यू पेपर) को इस्तेमाल न करने, ऊर्जा संरक्षण हेतु बिजली चलित उपकरणों का न्यायिक उपयोग एवं पानी के दुरुपयोग को काम करने हेतु दीपका क्षेत्र के अधिकारियों एवं कर्मचारियों एवं कार्यक्रम मे उपस्थित सभी नागरिकों से आग्रह किया । उन्होंने आगे कहा कि ऊर्जा संरक्षण भी उतना ही आवश्यक है जितना की ऊर्जा उत्पादन . इस अवसर पर, छठ घाट समीप स्थित उद्यान पर 200 से अधिक विभिन्न प्रकार के फलदार पौधों जैसे नींबू, अमरूद, काजू, आम आदि का दीपका क्षेत्र के क्षेत्रीय महाप्रबंधक, सभी विभागाध्यक्षों, अधिकारियों, कर्मचारियों, जेसीसी सदस्यों एवं दीक्षा महिला समिति के सदस्यों द्वारा रोपण किया गया एवं सर्वसम्मति से इस उद्यान का नाम “पर्यावरण उद्यान” रखा गया।
विश्व पर्यावरण दिवस के आयोजन की अगली कड़ी में ऑफिसर क्लब दीपका में विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों जैसे स्लोगन, चित्रकला एवं क्विज प्रतियोगिता एवं सांकृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करके नागरिकों को पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन हेतु जागरूक किया गया। अंत मे प्रतियोगिता मे विजित प्रतिभागियों को मुख्य अतिथि द्वारा पुरस्कार प्रदान किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने मे नरेश प्रसाद महाप्रबंधक (पीपी), राजकुमार शर्मा (क्षेत्रीय कार्मिक प्रबंधक), जे. के. दुबे प्रबंधक (कार्मिक), ईश कुमार, चिरंजीवी साहा, मोहमद उस्मान, अजय कुमार, डॉ. गजनन्द, तरुण कुमार पांडे, सन्नमुख राव एवं पर्यावरण विभाग के सभी कर्मचारियों का महत्व पूर्ण योगदान रहा।
